लोकसभा
नै दिल्ली। घरेलू कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार, ‘सैटेलाइट लॉन्च सेवाओं’ के साथ-साथ ‘संचार संपत्तियों के हस्तांतरण [अंतरिक्ष यान (उपग्रहों सहित)] पर जीएसटी से छूट प्रदान करती है। विभिन्न बैठकों/मंचों में इस उद्योग द्वारा लॉन्च वाहनों/उपग्रहों के घटकों, ग्राउंड सिस्टम के लिए जीएसटी छूट की मांग की गई है। हालाँकि, उद्योग जगत की ओर से इसे लेकर एक औपचारिक प्रस्ताव की प्रतीक्षा की जा रही है, जिसमें मांगी गई छूट की प्रकृति/दायरे का विवरण होगा।
यह जानकारी केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पीएमओ में राज्यमंत्री, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
उन्होंने कहा कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना के बदले अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक ‘निवेश प्रोत्साहन योजना’ पर काम किया गया है। अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए, इन-स्पेस ने शुरूआती निवेश के लिए एक योजना तैयार की और छह भारतीय स्टार्ट-अप को अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का उपयोग करके कृषि, आपदा प्रबंधन और शहरी विकास क्षेत्रों में उत्पाद और सेवाएं विकसित करने के लिए अनुदान प्रदान किया। इन स्टार्ट-अप के नाम मेसर्स ARMS4AI, मेसर्स मिस्टियो, मेसर्स ऑग्टुअल (फैब्रिक), मेसर्स हाईस्पेस, मेसर्स ज़ोवियन और मेसर्स सीगल हैं।
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