अन्नदाता किसान कंगाल पॉलिसी मेकर मालामाल – केके सिंह
श्रमिकों तथा गरीब किसानों के हक की लड़ाई लड़ने के लिए मशहूर केके सिंह ने विशेष वार्ता के दौरान बताया की
गरीबों के हित के लिए बनने वाली योजनाओं का लाभ समाज में नहीं मिल पा रहा है, बल्कि वो पैसा भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जा रहा ह। राजनीतिक लोग किसान तथा गरीबों के हित के लिए योजनाएं बनाते हैं परन्तु अधिकारी कर्मचारी उसे अपने निजी हित में कन्वर्ट कर लेते है। और समाज की स्थित दयनीय होती जारही ह। आर्थिक असामनता की दर लगातार बढ़ती जा रही है।
केके सिंह ने यह बातें विशेष वार्ता के दौरान कही है। उन्होंने आगे जानकारी दी है की किसान हित के लिए कई बार
पैदल यात्रा की है। अनेक संविधानिक तरीके से सरकार का ध्यान इस ओर आकृष्ट करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा की आर्थिक असामनता बहुत घटक है। समाज के लिए अभिशाप है। इसी प्रकार उन्होंने सामान कार्य सामान वेतन की भी पैरवी की। उन्होंने कहा की सामान कार्य करने वाले दो लोगो को अलग अलग वेतन देना तो बहुत दुःख की बात है। सामान कार्य के लिए समान वेतन होना चाहिए। उन्होंने कहा की देश के 80 प्रतिशत लोग गरीबी का जीवन जी रहे हैं। यह बहुत दुःख की बात है। हमने 2018 में अयोध्या से लखनऊ तक की यात्रा की थी। अन्नदाता किसानो के स्तर में सुधर लाने के लिए। इसके आलावा बहुत से आंदोलन भी किये है। मगर पॉलिसी मेकर जो पॉलिसी किसानो के हित के लिए बनाते है वास्तव में उससे पॉलिसी मेकर का ही हित हो जाता है। जीवनदाता भगवान है। इसके बाद अन्नदाता किसान है। बहुत दुःख की बात है की पॉलिसी मेकरों ने हमारे अन्नदाता को पंगु बनाकर रख दिया है। कोई किसानों के बारे में नहीं सोचता है। जब किसान बूढ़ा हो जाता है काम करने में अक्षम रहता है तो सरकार हजार पांच सौ रूपये देकर पल्ला झाड़ लेती है यह बहुत दुखद है|
https://www.youtube.com/watch?v=FUbFphQxqVk