सतना- शहर में कायस्थ समाज के लोगों नें अपने अपने घरों में वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ भगवान चित्रगुप्त जी की पूजा करते हुए यह पर्व धूमधाम से मनाया। कायस्थों नें अपने घरों में चित्रगुप्त जी की फोटो रखकर फूल माला चढाया साथ ही कलम, दवात, कॉपी और पुस्तक रखकर सुख समृद्धि की कामना करते हुए पूजा की। इसके बाद एक सादे कागज पर स्वास्तविक बनाकर पूरे साल का आय व्यय लिखने के बाद कागज को मोडकर चित्रगुप्त जी को चढाया क्योंकि मान्यता है की चित्रगुप्त जी का अवतार कलम दवात के साथ हुआ था और कायस्थों द्वारा ऐसा करने से आय में वृद्धि एवं व्यय में कमी आती है। बताते चलें कि भगवान चित्रगुप्त की उत्पत्ति भगवान ब्रम्हा जी की काया से हुआ था एवं धर्मराज के दरबार में भगवान चित्रगुप्त धर्म कर्म का लेखा जोखा रखते थे उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए ब्रम्हा जी नें उन्हें वरदान दिया था कि चित्रगुप्त वंशज सभी गुणों से निपुण होगें। कहा जाता है कि आज के दिन चित्रगुप्त पूजा कायस्थों द्वारा करने से मरणोपंरात नरक से मुक्ति मिलती है और अकाल मृत्यु नहीं होती।
कायस्थों नें घरों में धूमधाम से कि चित्रगुप्त पूजा
