कलेक्टर ने ली समय-सीमा प्रकरणों की बैठक

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.भू-अर्जन के प्रकरणों में भूमि और परिसम्पत्तियों का अवार्ड एक साथ बनायें – कलेक्टर

सतना – सोमवार को संपन्न समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में कलेक्टर सतना डॉ. सतीश कुमार एस ने विभिन्न विभागों के समन्वय के मुद्दों पर चर्चा करते हुए कहा कि भू-अर्जन के प्रकरणों में भूमि और उस पर निर्मित परिसम्पत्तियों का अवार्ड एक साथ पारित किया जाना चाहिए। समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में वृक्षारोपण की तैयारी, जल गंगा संवर्धन अभियान, सीएम डैश बोर्ड के प्रकरण, स्थानांतरण के प्रस्ताव आदि के संबंध में समीक्षा की गई।

समय-सीमा प्रकरणों की बैठक में सर्वप्रथम कलेक्टर ने रेल्वे, बरगी नहर बाणसागर एवं अन्य विभागों के भूमि आवंटन, भू-अर्जन के प्रकरणों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि समन्वय से संबंधित सभी विभाग अपने मुद्दे अगली टीएल से पहले पोर्टल में फीड करें। कलेक्टर ने कहा कि एक-दूसरे विभाग से जुडे समन्वय के मुद्दे टीएल बैठक में रखे और उनका समाधान कराये। भू-अर्जन के प्रकरणों में कलेक्टर ने कहा कि अर्जित की जानी वाली भूमि और उस पर निर्मित परि-सम्पत्तियों का मुआवजा अवार्ड अलग-अलग जारी करने की बजाय एक साथ सम्मिलित रूप से बनाये। जिले में भूमि और उस पर निर्मित सम्पत्ति का अलग-अलग अवार्ड पारित करने की परम्परा रही है। कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को शासन द्वारा संधारित मंदिरों की निर्धारित प्रारूप में जानकारी शीघ्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। इसी प्रकार सभी महाविद्यालयों द्वारा जनभागीदारी समिति से किये गये और किये जाने वाले कार्यों की जानकारी अभी तक नहीं प्रस्तुत करने पर कलेक्टर ने नोडल प्राचार्य शास. स्वशासी महाविद्यालय सतना को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।

जल गंगा संवर्धन अभियान की समीक्षा में कलेक्टर ने अगले गुरूवार की प्रातः नगर निगम क्षेत्र में दो स्थानों पर कॉलेज के एनएसएस, एनसीसी, जन अभियान परिषद के सहयोग से नदी सफाई का अभियान चलाने के निर्देश दिये। उन्होंने सभी नगरीय निकायों को इस सप्ताह कम से कम श्रमदान और सफाई का एक बडा कार्यक्रम करने के निर्देश भी दिये। ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वयंसेवी संस्थाओं, जन अभियान परिषद एवं कॉलेज के स्वयं सेवी युवाओं के सहयोग से श्रमदान के कार्यक्रम सतत रूप से चलाने के निर्देश दिये गये। वृक्षारोपण की तैयारी की समीक्षा में कलेक्टर ने कहा कि बरसात के समय पौधरोपण के लिए गड्ढों की तैयारी, फेनसिंग और पौधों की उपलब्धता के कार्य शुरू करें। सभी विभाग अपनी-अपनी कार्य योजना के अनुसार पौधों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। सतना जिले में 14.50 लाख पौधे वन विभाग और 5-5 लाख पौधे वृहद सीमेंट प्लांट द्वारा लगाये जाने का लक्ष्य निर्धारित है। इसके अलावा सीएसआर मद से प्राप्त पौधों में 50-50 हजार कृषि विभाग और उद्यानिकी किसानों को दिये जायेंगे। इसके लिए कलेक्टर ने किसानों की सूची सहित मांग पत्र जिला पंचायत में प्रेषित करने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने ई-ऑफिस की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को ऑन बोर्ड होने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि 31 मई के बाद उन तक आने वाली कोई भी फाइल आफलाइन स्वीकार नहीं की जायेगी। कलेक्टर ने जिला पर्यटन संवर्धन समिति का शीघ्र गठन कर बैठक बुलाने के निर्देश दिये। सीमांकन, नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दुरूस्ती के राजस्व कार्यो में सतना जिले का 19वां स्थान होने पर कलेक्टर ने राजस्व कार्यों में गति लाने के निर्देश दिये। कलेक्टर ने सीएम डैश बोर्ड के आधार पर विभागीय गतिविधियों की समीक्षा की। उन्होंने सीएम डैश बोर्ड में कार्य ठीक नहीं होने पर महाप्रबंधक प्रधानमंत्री ग्रामीण सडक को नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।

यह भी रहे मौजूद

इस मौके पर अपर कलेक्टर स्वप्निल वानखडे, आयुक्त नगर निगम शेर सिंह मीना, सीईओ जिला पंचायत संजना जैन, एसडीएम जीतेन्द्र वर्मा, एपी द्विवेदी, एलआर जांगडे, आरएन खरे, सुधीर बेक, अधीक्षण यंत्री विद्युत पीके मिश्रा सहित विभाग प्रमुख अधिकारी, जनपद के सीईओ तथा नगरीय निकायों के सीएमओ उपस्थित रहे।

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