जहांगीराबाद (सीतापुर)। सकरन विकास खण्ड का प्राथमिक विद्यालय रेवान एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है जहां इंचार्ज प्रधानाध्यापक द्वारा बच्चों को मिलने वाला एमडीएम निर्धारित मानक के अनुसार न देकर मनमाने तरीके से दिया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा के अधिकार के अन्तर्गत परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को अनिवार्य रूप से दिये जाने वाले पौष्टिक आहार के लिए रविवार छोड़कर बाकी छः दिनों में दिनों के अनुसार आहार का चार्ट निर्धारित कर दिया गया है बावजूद इसके कुछ लोग अपनी मन मर्जी के अनुसार नौनिहालों को एमडीएम में मौसमी फलों की जगह बिस्कुट का वितरण कर इतिश्री कर रहे हैं।
ऐसा ही एक मामला फिर से सकरन विकास खण्ड की रेवान ग्राम पंचायत में स्थित प्राथमिक विद्यालय रेवान में देखने को मिला जहां प्रभारी प्रधानाध्यापक अनुज कुमार द्वारा आये दिन निर्धारित मानक को दरकिनार करते हुए विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को एमडीएम मनमाने तरीके से दिया गया जिसकी लिखित शिकायत रेवान गांव के ग्रामीण अभिभावक जफर अली ने मुख्यमंत्री , महानिदेशक स्कूल शिक्षा, विशेष सचिव बेसिक शिक्षा, सचिव उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद एवं शिक्षा निदेशक (बेसिक) व मण्डलीय सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) सहित जिलाधिकारी सीतापुर को गत 22 अप्रैल को रजिस्टर्ड डाक द्वारा प्रार्थना पत्र दिया है जिसमें जांच कराये जाने की मांग की गयी है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि गत 14 अप्रैल सोमवार को विद्यालय में अवकाश था जिससे मंगलवार को निर्धारित दाल चावल के साथ बच्चों को मौसमी फलों का वितरण भी होना था लेकिन जिम्मेदार प्रभारी प्रधानाध्यापक द्वारा दाल-चावल न बांटकर बच्चों को तहरी का वितरण किया गया तथा फलों की जगह पारले जी बिस्कुट बांटे गये। ज्यादातर जिस दिन फलों का वितरण होना होता है तो फल न देकर बच्चों को बिस्कुट देकर काम चला लिया जाता है।
प्रार्थना पत्र में यह भी आरोप लगाया गया है कि इंचार्ज प्रधानाध्यापक एमडीएम बनवाने में बच्चों की उपस्थिति से अधिक फर्जी हाजिरी दिखाकर बच्चों की संख्या अधिक दर्ज कर लगातार भारी घालमेल कर रहे हैं। प्रत्येक बुधवार को बच्चों को नियमानुसार दूध का वितरण होना चाहिए लेकिन गत 30 अप्रैल बुधवार को बच्चों को दूध का वितरण भी नहीं किया गया है। उनके द्वारा लगातार बच्चों के अधिकारों का हनन किया जा रहा है।