खैराबाद – 200 वर्ष प्राचीन मां गौरी देवी मंदिर में 30 मार्च से प्रारंभ हुई श्रीमद् भागवत कथा के सातवें दिन की सांयकालीन कथा में नैमिषारण्य के कथा व्यास दिलीप मिश्रा ने कहा कि प्रभु ब्रह्मांड के कान-कान में विराजमान है तथा हमारे भाव के अनुसार ही प्रभु की अनुभूति हमें होती है उन्होंने कहा कि प्रेम ही प्रभु का दूजा नाम है तथा प्रेम के द्वारा ही भक्ति सागर में गोता लगाने से प्रभु का प्रकट हुआ है होता रहेगा यह शाश्वत सत्य है तथा इसकी अनुभूति हमें सभी प्राणियों से आपस में प्रेम करना सिखाती है उन्होंने कहा कि हमें सभी जीवो के भीतर उसे परमात्मा के दर्शन करने चाहिए तथा महसूस करना चाहिए कि परमात्मा सभी जीवो के भीतर समान रूप से विराजमान है उन्होंने कहा कि भागवत भक्ति ज्ञान वैराग्य तथा त्याग का समाहित रूप है जिसकी प्रथम सीढ़ी भक्ति है भक्ति के द्वारा ही हमें श्रीमद् भागवत कथा श्रवण करने का पूरा लाभ मिलता है। हमें प्रतिदिन थोड़ा वक्त प्रभु चरणों हेतु आवश्यक निकालना चाहिए मंदिर समिति के अध्यक्ष वीरेंद्र मिश्रा तथा प्रबंधन अवधेश मिश्रा ने बताया कि दुर्गा अष्टमी 5 अप्रैल को मां गौरी जी की महा आरती का आयोजन किया गया है तथा 6 अप्रैल को मंदिर परिसर में ही विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा इस अवसर पर अभिषेक गुप्त विनय अवस्थी सभासद आलोक बाजपेई पालिका अध्यक्ष श्रीमती देवी गुप्ता प्रहलाद कृष्ण शास्त्री अंकित गुप्ता पूर्णिमा मिश्रा सुधीर कुमार गौड़ अनिल कुमार गौड़ आदित्य जयसवाल विपिन जायसवाल संदीप मिश्रा कुलदीप मिश्रा रविंद्र कुमार मिश्रा मंदिर पुजारी राजेंद्र प्रसाद आदि मौजूद थे।