कंपनियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने हेतु सरकार द्वारा उठाए गए हैं अनेक कदम
लोक सभा
नई दिल्ली। मौजूदा वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान 30.11.2024 तक पंजीकृत कंपनियों की कुल संख्या 1,12,962 है। कॉरपोरेट कार्य के राज्य मंत्री तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री हर्ष मल्होत्रा ने आज लोक सभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी है।
उन्होंने कहा कंपनियों के पंजीकरण को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदम इस प्रकार हैं:- पंजीकरण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए निगमन की ऑनलाइन प्रक्रिया को केंद्रीकृत करने हेतु कॉर्पोरेट कार्य मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जीएसआर 99 (ई) के तहत 22.01.2016 को केंद्रीय पंजीकरण केंद्र (सीआरसी) की स्थापना की गई थी।
अनेक पहलों के माध्यम से व्यवसाय शुरू करने की लागत में काफी कमी आई है, जिनमें से कुछ क्षेत्र निम्नलिखित हैं: – 15,00,000 रुपये तक की अधिकृत पूंजी वाली सभी कंपनियाँ शून्य शुल्क पर निगमित की जाती हैं। एसपीआईसीई (कंपनी के निगमन के लिए वेब फॉर्म) + ईएमओए (ई मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन) + एओए (ई-आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन) के साथ पैन और टैन आवेदनों का एकीकरण और एसपीआईसीई में एकीकृत डीआईएन का आवंटन, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ), कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम (ईएसआईसी), व्यावसायिक कर पंजीकरण प्रमाणपत्र (पीटीआरसी), व्यावसायिक कर नामांकन प्रमाणपत्र (पीटीईसी), दुकानें और स्थापना अधिनियम, जीएसटीआईएन के साथ पंजीकरण ने लागत, समय और प्रक्रियाओं को कम कर दिया है।
(सी) कंपनी (निगमन) नियम 2014 के नियम 38(2) में प्रावधान है कि एकल एसपीआईसीई + फॉर्म का उपयोग तीन निदेशकों तक निदेशक पहचान संख्या के आवंटन, नाम का आरक्षण, कंपनी का निगमन और प्रस्तावित एक व्यक्ति कंपनी, निजी कंपनी, सार्वजनिक कंपनी और कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के अंतर्गत आने वाली कंपनी के निदेशकों की नियुक्ति के लिए आवेदन करने के लिए किया जा सकता है।
वर्ष 2020 में कंपनी अधिनियम, 2013 में संशोधन किए गए ताकि कारोबार करने में आसानी हो, अपराधों को अपराध से मुक्त किया जा सके और विशेष रूप से छोटी कंपनियों, एक व्यक्ति वाली कंपनियों, स्टार्ट-अप्स और निर्माता कंपनियों के लिए अनुपालन आवश्यकताओं में सुधार किया जा सके। निजी कम्पनियों, सरकारी कम्पनियों, धर्मार्थ कम्पनियों, निधि कम्पनियों और आईएफएससी (गिफ्ट सिटी) कम्पनियों को कंपनी अधिनियम के विभिन्न प्रावधानों से छूट प्रदान की गई है।