राज्यसभा
नई दिल्ली। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की निष्पादन लेखापरीक्षा रिपोर्ट (2013 का 18) में कहा गया है कि भारत के 92 संरक्षित स्मारक गायब हैं। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा अपने विभिन्न क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से किए गए बाद के सर्वेक्षण से पता चला है कि 18 संरक्षित स्मारक और स्थल संरक्षण की अच्छी स्थिति में नहीं हैं। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने गुरुवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
सर्वेक्षण के दौरान एएसआई के क्षेत्रीय कार्यालयों ने पता लगाया कि तेजी से शहरीकरण के कारण स्मारकों पर दबाव एक बड़ी चुनौती है। इसके अलावा, मल्टी-टास्किंग स्टाफ, निजी सुरक्षा गार्ड और सीआईएसएफ के माध्यम से स्मारकों की देखभाल और निगरानी की जाती है। इसके अलावा, समय-समय पर निरीक्षण भी किए जाते हैं।
एएसआई द्वारा अपनाई गई राष्ट्रीय संरक्षण नीति में संरक्षित स्मारकों की स्थिति का पता लगाने के लिए नियमित निरीक्षण का प्रावधान है। मुख्य रूप से, एएसआई के उप-मंडलों और मंडलों के अधिकारी स्मारकों का नियमित निरीक्षण करते हैं। इसके अलावा, क्षेत्रीय निदेशालय और मुख्यालय के अधिकारी भी स्मारकों की स्थिति का निरीक्षण और निगरानी करते हैं।
यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल
उन्होंने कहा कि विश्व धरोहरों स्थलों की सूची में नए विरासत स्थलों को शामिल किया जाना एक सतत प्रक्रिया है। विश्व धरोहर सूची में भारत के 35 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 1 मिश्रित स्थल सहित 43 स्थल अब तक शामिल हैं। यूनेस्को के परिचालन दिशानिर्देश 2023 के अनुसार प्रत्येक वर्ष सांस्कृतिक, प्राकृतिक या मिश्रित केवल एक स्थल को सूची में शामिल करने के लिए प्रस्तावित किया जा सकता है। वर्ष 2024-25 के लिये 17वीं-19वीं शताब्दी में मराठा शासकों की असाधारण सैन्य प्रणाली एवं रणनीति दर्शाने वाले 12 किलों और दुर्गों के मराठा सैन्य परिदृश्य को शिलालेख प्रक्रिया हेतु यूनेस्को को सौंपा गया है। अभी विश्व धरोहर स्थल की संभावित सूची में पश्चिम बंगाल के बिष्णुपुर के मंदिर सहित 56 स्थल शामिल हैं। यूनेस्को के प्रचालन दिशानिर्देशों के आधार पर विश्व धरोहर स्थल सूची में शामिल करने पर विचार किया जाता है।