राज्यसभा
नई दिल्ली। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के विनियम, अर्थात दूरसंचार वाणिज्यिक संचार उपभोक्ता वरीयता विनियम, 2018 (टीसीसीसीपीआर-2018) का प्रावधान स्पैम संचार (कॉल या संदेश) से निपटने के लिए किया गया है। इनसे उचित कार्रवाई सुनिश्चित होती है। टीसीसीसीपीआर-2018 विनियमों के प्रावधानों के कार्यान्वयन के लिए कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। यह जानकारी संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने गुरुवार को राज्यसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
टीसीसीसीपीआर-2018 और दिशानिर्देशों में निम्नलिखित प्रावधान हैंवाणिज्यिक संचार के लिए प्राथमिकताएं दर्ज करना प्रमुख गतिविधि है, जहां एक दूरसंचार उपभोक्ता सभी वाणिज्यिक कॉल को अवरुद्ध करने का विकल्प चुन सकता है या फिर प्राथमिकता श्रेणियों के अनुसार चुनिंदा वाणिज्यिक संचारों को अवरुद्ध कर सकता है और मोबाइल ऐप के माध्यम से यूसीसी भेजने वालों के खिलाफ शिकायत दर्ज कर सकता है। इसके लिए वह शॉर्ट कोड 1909 पर एसएमएस भेज सकता है और साथ ही 1909 पर कॉल भी कर सकता है।
टीसीसीसीपीआर-2018 के उल्लंघन के लिए पंजीकृत संस्थाओं और टेलीमार्केटर्स को ब्लैकलिस्ट करने की सुविधा है। अपंजीकृत टेलीमार्केटर (यूटीएम) के विरुद्ध कार्रवाई जैसे चेतावनी देना, उन्हें उपयोग सीमा के अंतर्गत रखना या बार-बार उल्लंघन करने पर कनेक्शन काट देने का नियम है यूसीसी पर अंकुश लगाने में विफल रहने पर एक्सेस प्रदाताओं के विरुद्ध वित्तीय निरुत्साहन (एफडी) की व्यवस्था है।
इसके अलावा, ट्राई ने 13.08.2024 को निर्देश जारी किए,जिस में कहा गया कि नियमों का उल्लंघन करके प्रमोशनल वॉयस कॉल करने वाली किसी भी संस्था के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इस निर्देश के परिणामस्वरूप, एक्सेस प्रदाताओं ने व्यापक कार्रवाई की है, जिसके परिणामस्वरूप शिकायतों में उल्लेखनीय कमी आई है। निर्देश जारी होने के बाद 1150 संस्थाओं/व्यक्तियों को काली सूची में डाल दिया गया है और 18.8 लाख दूरसंचार संसाधनों को काट दिया गया है।