लोकसभा
नई दिल्ली। देश भर में 1,64,987 डाकघर (प्रधान डाकघर, उप-डाकघर और शाखा डाकघर) हैं और इन डाकघरों में 7,58,00,677 बचत खाते हैं। यह जानकारी संचार एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री डॉ. पेम्मासनी चंद्रशेखर ने आज लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में दी।
बचत खाताधारकों को स्वचालित टेलर मशीन (एटीएम), चेक बुक जारी करने, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, विभिन्न प्रकार के एसएमएस अलर्ट, शेष राशि और खाता विवरण देखने के लिए ई-पासबुक जैसी सुविधा है। इसके आलावा राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक निधि अंतरण (एनईएफटी) और रियल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) के माध्यम से बैंक खातों से डाकघर खातों में और विपरीत धन अंतरण, खातों में ब्याज और परिपक्वता राशि जमा करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक क्लियरिंग सेवा (ईसीएस) सुविधा, कोर बैंकिंग प्रणाली (सीबीएस) के तहत इंटरएक्टिव वॉयस रिस्पांस सिस्टम (आईवीआरएस) सुविधा का लाभ उठाने की सुविधा है।
देश के सभी गांवों को शामिल करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में 1,49,164 डाकघर (प्रधान डाकघर, उप-डाकघर और शाखा डाकघर) हैं, जिनमें वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में 2017-18 से 2021-22 तक खोले गए 4903 डाकघर और वित्तीय समावेशन के लिए 5 किलोमीटर की दूरी के भीतर बैंक रहित गांवों को कवर करने के लिए 2023-24 में खोले गए 5746 नए डाकघर शामिल हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) आधुनिकीकरण परियोजना के तहत देश के सभी विभागीय डाकघरों को कम्प्यूटरीकृत और नेटवर्क किया गया है। देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यरत शाखा डाकघरों को ऑनलाइन डाक, वित्तीय और बीमा लेनदेन करने के लिए मोबाइल डिवाइस, बायोमेट्रिक डिवाइस और थर्मल प्रिंटर प्रदान किए गए हैं।