- भारत सरकार एनआईसीडीपी के हिस्से के रूप में विभिन्न औद्योगिक गलियारा परियोजनाएं विकसित कर रही है
- जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण और निवेश केंद्रों को टक्कर दे सकती हैं
नयी दिल्ली. भारत सरकार उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) और अन्य केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों के जरिए, उचित नीतियां लागू करके देश के समग्र औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने वाला एक सक्षम परितंत्र प्रदान करती है। विभिन्न मंत्रालयों और विभागों की चल रही योजनाओं जैसे मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, पीएम गति शक्ति, राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी), राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा कार्यक्रम, उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, व्यापार करने में आसानी (ईओडीबी) को बढ़ावा देना और अनुपालन बोझ को कम करना, राष्ट्रीय एकल खिड़की प्रणाली (एनएसडब्ल्यूएस), भारत औद्योगिक भूमि बैंक, परियोजना निगरानी समूह (पीएमजी), प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नीति का उदारीकरण, भारतीय फुटवियर और चमड़ा विकास कार्यक्रम (आईएफएलडीपी) योजना आदि के अलावा, सरकार ने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में नए उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने और उनकी सुगमता के लिए विभिन्न कदम उठाए हैं। भारत सरकार के सभी संबंधित मंत्रालयों/विभागों में परियोजना विकास प्रकोष्ठों (पीडीसी) के रूप में निवेश में तेजी लाने के लिए एक संस्थागत तंत्र स्थापित किया गया है।
भारत सरकार राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीपी) के तहत विभिन्न औद्योगिक गलियारा परियोजनाओं का विकास कर रही है, जिसका उद्देश्य भारत में ग्रीनफील्ड औद्योगिक विस्तार/क्षेत्रों/केंद्रों का विकास करना है, जो दुनिया के सर्वश्रेष्ठ विनिर्माण और निवेश केंद्रों को टक्कर दे सकें। महाराष्ट्र में एनआईसीडीपी के तहत, शेंद्रा-बिडकिन औद्योगिक क्षेत्र (एसबीआईए) और दिघी पोर्ट औद्योगिक क्षेत्र (डीपीआईए) का विकास किया जा रहा है। यह जानकारी वाणिज्य और उद्योग राज्य मंत्री श्री जितिन प्रसाद ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।