लोकसभा
नयी दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) के कार्यान्वयन में अधिक पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए सभी कार्यों (व्यक्तिगत लाभार्थी से जुड़े कार्यों को छोड़कर) के लिए महात्मा गांधी नरेगा श्रमिकों की तत्काल उपस्थिति को दिन में दो बार दर्ज करने के लिए राष्ट्रीय मोबाइल निगरानी प्रणाली (एनएमएमएस) का उपयोग किया जाता है। ग्रामीण विकास राज्य मंत्री श्री कमलेश पासवान ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में यह जानकारी दी।
महात्मा गांधी नरेगा लाभार्थी सीपीजीआरएएम पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायतें दर्ज कर सकते हैं। इसके अलावा, महात्मा गांधी नरेगा के तहत शिकायतें प्राप्त करने और उनका समाधान करने के अन्य तरीके भी हैं। उन तरीकों में नियमित सामाजिक लेखा परीक्षा, लोकपाल के पास शिकायतों का पंजीकरण और ग्राम पंचायत स्तर पर बनाए गए शिकायत रजिस्टर में शिकायत दर्ज करना शामिल है। इसके अलावा, जनमनरेगा मोबाइल ऐप में शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक नया विकल्प ‘रेज योर कन्सर्न’ उपलब्ध किया गया है।
एनएमएमएस मोबाइल एप्लीकेशन वर्तमान में अंग्रेजी, हिन्दी, तमिल, तेलुगु और मलयालम में उपलब्ध है। एनएमएमएस एप्लीकेशन के माध्यम से साथी/ग्राम रोजगार सहायक द्वारा उपस्थिति दर्ज की जाती है।
मंत्रालय नियमित रूप से एनएमएमएस के कार्यान्वयन की समीक्षा करता है। एप्लिकेशन का उपयोग करते समय राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा सामना की जाने वाली किसी भी तकनीकी चुनौती का मंत्रालय द्वारा तुरंत समाधान किया जाता है। इसके अतिरिक्त, मंत्रालय आवश्यकतानुसार प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित करता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य/केंद्र शासित प्रदेश एनएमएमएस ऐप के उपयोग के बारे में अपडेट रहें।