“हमारे सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों तथा उनके परिवारों का कल्याण सुनिश्चित करना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है”
नई दिल्ली। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने लोगों से सशस्त्र सेना झंडा दिवस (एएफएफडी) कोष में आगे आकर उदारतापूर्वक योगदान देने का आह्वान किया है। उन्होंने इसे देश की सामूहिक जिम्मेदारी बताते हुए कहा कि सेवारत और सेवानिवृत्त सैनिकों के साथ-साथ उनके परिवारों का कल्याण सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। 7 दिसंबर को एएफएफडी के अवसर पर एक्स पर एक वीडियो संदेश में रक्षा मंत्री ने इस दिन को नागरिकों के लिए सैनिकों के अदम्य साहस, बलिदान और समर्पण को पहचानने और उन बहादुर सैनिकों के प्रति अपने दायित्व को पूरा करने के संकल्प की पुष्टि करने का अवसर बताया।
हमारे सैनिकों का बलिदान और अनुशासन हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है: रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारे सशस्त्र बल एक अभेद्य सुरक्षा कवच की तरह हैं, जो सभी स्थितियों में हमारी रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहते हैं – न केवल बाहरी खतरों के खिलाफ, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं के दौरान भी। हमारे सैनिकों का बलिदान और अनुशासन हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है।”
समाज कल्याण के लिए सौ हाथों से कमाना और हजार हाथों से दान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है: पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने जनता से अपना योगदान देने का आग्रह किया और इस बात पर जोर दिया कि उनका योगदान सैनिकों और उनके परिवारों के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि समाज कल्याण के लिए सौ हाथों से कमाना और हजार हाथों से दान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
मातृभूमि की रक्षा में अपने प्राण न्यौछावर करने वाले सैनिकों और सीमाओं पर बहादुरी से लड़ने वाले सैनिकों को श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल एएफएफडी (सशस्त्र सेना झंडा दिवस) मनाया जाता है। रक्षा मंत्रालय का पूर्व सैनिक कल्याण विभाग युद्ध विधवाओं, शहीद सैनिकों के आश्रितों और दिव्यांग व्यक्तियों सहित पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए काम कर रहा है। विभाग उनकी व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है जैसे दरिद्रता अनुदान, बच्चों की शिक्षा के लिए सहायता, अंतिम संस्कार के लिए सहायता, चिकित्सा सहायता और अनाथ या दिव्यांग बच्चों के लिए सहायता।