नई दिल्ली। सरकार ने जैव प्रभावकारिता परीक्षणों और विष विज्ञान परीक्षणों के आधार पर उर्वरक नियंत्रण आदेश (एफसीओ)- 1985 के तहत नैनो डीएपी को अधिसूचित किया है। मेसर्स कोरोमंडल इंटरनेशनल लिमिटेड (सीआईएल), मेसर्स जुआरी फार्म हब लिमिटेड और मेसर्स इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) को नैनो डीएपी के निर्माण की अनुमति दी गई है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने बताया है कि इफको और सीआईएल ने नैनो डीएपी विकसित किया है और चुनिंदा आईसीएआर संस्थानों/राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में पहचान के आधार पर फसलों पर प्रारंभिक क्षेत्र परीक्षण किए हैं। रिपोर्ट में संकेत दिया गया है कि नैनो डीएपी के बीज उपचार और पत्तियों पर छिड़काव के रूप में उपयोग से पारंपरिक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले दानेदार डीएपी की बचत की संभावना है।
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