राज्यसभा
नयी दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग ( आई एम डी) पिछले वर्षों में भारी वर्षा, कोहरे, गर्मी/शीत लहर और तूफान जैसी सभी मौसम की गंभीर स्थितियों के पूर्वानुमान की सटीकता में 40 से 50 प्रतिशत सुधार हुआ है।
मंत्रालय मौसम संबंधी अवलोकन, संचार, मॉडलिंग उपकरण और पूर्वानुमान प्रणालियों का लगातार संवर्धन और उन्नयन कर रहा है। आईएमडी मौसम की गंभीर स्थितियों की भविष्यवाणी करने के लिए नवीनतम उपकरणों और तकनीकों का उपयोग करता है। इनमें उच्च स्थानिक और टेम्पोरल रिज़ॉल्यूशन पर परिष्कृत गतिशील संख्यात्मक मौसम पूर्वानुमान मॉडल, मल्टी–मॉडल एनसेंबल विधियां, कृत्रिम आसूचना और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) और रियल टाइम निगरानी और पूर्वानुमान के लिए बेहतर ग्राउंड–बेस्ड और अपर एयर ऑब्जर्वेशन और उन्नत रिमोट सेंसिंग नेटवर्क युक्त डेटा विज्ञान पद्धतियां शामिल हैं। आईएमडी कुशल, प्रभावी और समय पर पूर्व चेतावनी सेवाएं प्रदान करने के लिए कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल (सीएपी), मोबाइल ऐप, वेबसाइट, एपीआई और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म सहित नवीनतम प्रसार उपकरणों का उपयोग करता है। आईएमडी नवीनतम तकनीकों में सुधार और अनुकूलन के लिए लगातार काम कर रहा है।
यह जानकारी आज केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी और पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में दी।