नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय आज नई दिल्ली में वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी का 11वां दौर प्रारंभ करने के लिए तैयार है। केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्री श्री जी किशन रेड्डी वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 11वें दौर का शुभारंभ करेंगे। कोयला एवं खान राज्य मंत्री श्री सतीश चंद्र दुबे और कोयला सचिव श्री विक्रम देव दत्त भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। इस रणनीतिक पहल का उद्देश्य भारत के कोयला क्षेत्र में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धात्मकता एवं स्थिरता को बढ़ावा देना है।
आगामी नीलामी में 27 कोयला ब्लॉकों की पेशकश की गई है, जो रणनीतिक रूप से विभिन्न राज्यों व क्षेत्रों में वितरित किए जाएंगे और इनका उद्देश्य क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देना तथा रोजगार के अवसर सृजित करना है। कोयला मंत्रालय पिछले दौर की सफलता के आधार पर देश के अपार कोयला भंडारों का दोहन करने तथा ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए अपने प्रयासों को आगे बढ़ा रहा है।
इस दौर में 20 कोयला खदानों को बोली के लिए पेश किया जाएगा, जिनमें 10 पूर्णतः तलाशे गए और 10 आंशिक रूप से खोजे गए ब्लॉक शामिल होंगे। इसके अतिरिक्त, 10वें दौर के दूसरे चरण से 7 कोयला खदानें भी प्रस्तावित होंगी, जिनमें 4 पूर्ण रूप खंगाले गए और 3 आंशिक रूप से अन्वेषित किये गए ब्लॉक शामिल हैं। ये सभी खदानें गैर-कोकिंग कोयले की हैं, जो भारत की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करती हैं।
इसके अलावा कोयला मंत्रालय इस नीलामी के दौरान नौ कोयला खदानों के लिए कोयला खान विकास एवं उत्पादन समझौते (सीएमडीपीए) और कोयला ब्लॉक विकास व उत्पादन समझौते (सीबीडीपीए) को निष्पादित करेगा। इन खदानों से अधिकतम क्षमता पर लगभग 1,446 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व उत्पन्न होने और लगभग 19,063 रोजगार अवसर सृजित होने का अनुमान है। इसके अतिरिक्त, सीबीडीपीए को 10वें चरण के सफल बोलीदाताओं को सौंप दिया जाएगा, जिससे कोयला उत्पादन और ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता में बढ़ोतरी होगी।
वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी में कई महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं कोयले की बिक्री या उपयोग पर अब कोई प्रतिबंध शेष नहीं है। उल्लेखनीय रूप से, पात्रता मानदंड समाप्त कर दिए गए हैं, जिससे भागीदारी के लिए कोई भी तकनीकी या वित्तीय बाधा नहीं रह गई है। इसके अतिरिक्त, अधिसूचित मूल्य से राष्ट्रीय कोयला सूचकांक में रणनीतिक बदलाव से पारदर्शिता व निष्पक्षता सुनिश्चित होती है और बाजार-संचालित मूल्य निर्धारण तंत्र की स्थापना होती है। खनिज कानूनों में संशोधन से कोयला क्षेत्र को खोलने में मदद मिली है, जिससे सार्वजनिक एवं निजी दोनों क्षेत्रों के हितधारको के लिए समान अवसर उपलब्ध हुए हैं और स्वयं के उपभोग व बिक्री सहित विभिन्न प्रयोजनों हेतु नीलामी की अनुमति मिली है।
यह नीलामी कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। भारत सरकार नए ब्लॉकों की पेशकश करके आर्थिक विकास को गति देने और ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए देश के समृद्ध कोयला भंडार का दोहन कर रही है। स्थायित्व के प्रति वचनबद्ध सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि खनन गतिविधियां न केवल आर्थिक प्रगति को बढ़ावा दें, बल्कि पर्यावरण संरक्षण को भी सुनिश्चित करें।
कोयला मंत्रालय ने खदान परिचालन को सरल एवं त्वरित बनाने के उद्देश्य से सिंगल विंडो स्वीकृति प्रणाली (एसडब्ल्यूसीएस) पोर्टल लागू किया है यह प्लेटफॉर्म आवश्यक अनुमोदन प्राप्त करने, व्यापार में आसानी सुनिश्चित करने और एकल प्रवेश द्वार के माध्यम से कोयला उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक सहज प्रक्रिया प्रदान करता है। ये सुधार एक लचीले एवं प्रगतिशील कोयला क्षेत्र की उन्नति के लिए मंत्रालय की प्रतिबद्धता को उजागर करते हैं।
खदानों, नीलामी प्रक्रिया और समयसीमा के बारे में व्यापक विवरण एमएसटीसी नीलामी मंच पर उपलब्ध हैं। नीलामी पारदर्शी ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी मॉडल का उपयोग किया जाता है। सरकार वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के 11वें दौर के शुभारंभ के साथ एक प्रतिस्पर्धी, टिकाऊ व कुशल कोयला क्षेत्र को बढ़ावा देने, भारत के ऊर्जा परिदृश्य में प्रगति और लचीलेपन को विस्तार देने के अपने दृष्टिकोण को सुदृढ़ करना जारी रखे हुए है।