- व्यवसाय और उद्योग जगत ऑनलाइन आवेदन करके कानूनी माप-पद्धति अनुमोदन
- लाइसेंस और पंजीकरण प्रमाणपत्र प्राप्त कर सकते हैं
नई दिल्ली। केन्द्र सरकार का उपभोक्ता मामले विभाग, राज्य विधिक मापविज्ञान विभागों और उनके पोर्टलों को एकीकृत राष्ट्रीय प्रणाली में समायोजित करने के लिए राष्ट्रीय विधिक मापविज्ञान पोर्टल (ईमैप) विकसित कर रहा है। इस पहल का उद्देश्य लाइसेंस जारी करने, सत्यापन करने और प्रवर्तन एवं अनुपालन के प्रबंधन के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाना है। एक केंद्रीकृत डेटाबेस होने से ईमैप हितधारकों को कई राज्य पोर्टलों पर पंजीकरण करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी, जिससे व्यापार करने में आसानी होगी और व्यापार नियमों में पारदर्शिता को भी बढ़ावा मिलेगा।
प्रवर्तन गतिविधियाँ और अपराधों के समाधान के लिए कोई ऑनलाइन व्यवस्था नहीं हैं: वर्तमान में, राज्य सरकारें पैकेज्ड वस्तुओं के पंजीकरण, लाइसेंस जारी करने और तौल एवं माप उपकरणों के सत्यापन/मुद्रांकन के लिए अपने स्वयं के पोर्टल का उपयोग कर रही हैं। प्रवर्तन गतिविधियाँ और अपराधों के समाधान के लिए कोई ऑनलाइन व्यवस्था नहीं हैं। इसलिए, उपभोक्ता मामले विभाग सभी राज्य पोर्टलों को राष्ट्रीय विधिक माप विज्ञान पोर्टल ‘ईमैप’ के रूप में एकीकृत कर रहा है जिसमें प्रवर्तन सहित विधिक माप विज्ञान के सभी कार्य शामिल होंगे और एकीकृत डेटा बेस बनाने में मदद मिलेगी।
विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक और हाइब्रिड बैठक 28 नवंबर, 2024 को हुई : पोर्टल के विकास के लिए उपभोक्ता मामले विभाग के सचिव की अध्यक्षता में कई बैठकें आयोजित की गई थीं। प्रारंभिक रूपरेखा पर चर्चा करने के लिए 30 अगस्त, 2024 को एनआईसी के साथ कानूनी माप विज्ञान के नियंत्रकों और उनके प्रतिनिधियों के साथ एक हाइब्रिड बैठक हुई थी। विभाग के सचिव की अध्यक्षता में एक और हाइब्रिड बैठक 28 नवंबर, 2024 को हुई जिसमें उद्योग और फिक्की, सीआईआई, पीएचडी, एसोचैम जैसे उद्योग संघ, राज्य कानूनी माप विज्ञान विभागों के प्रतिनिधि और एनआईसी की टीम शामिल हुई। बैठक में व्यापारियों, विनिर्माताओं, पैकर्स, पैकेज्ड वस्तुओं के आयातकों और वजन और माप उपकरणों के निर्माताओं, डीलरों और मरम्मत करने वालों को बेहतर सेवा देने के लिए पोर्टल को परिष्कृत करने पर चर्चा की गई। इन चर्चाओं के दौरान प्राप्त सुझावों की समीक्षा की जा रही है और पोर्टल को कुशल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए उन्हें शामिल किया जा रहा है।
ईमैप पोर्टल महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को सरल बनाता है: ईमैप पोर्टल लाइसेंस जारी करने, नवीनीकरण करने और संशोधन करने जैसी महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को सरल बनाता है। इससे वजन और माप उपकरण, पंजीकरण प्रमाणपत्र और अपील आदि के सत्यापन तथा मुहर लगाना भी आसान होता है। यह व्यापारियों और उद्योगों के लिए अनुपालन बोझ और कागजी कार्रवाई को कम करता है तथा कानूनी माप विज्ञान अधिनियम, 2009 और उसके तहत बनाए गए नियमों के प्रावधानों का समय पर अनुपालन सुनिश्चित करता है, जिससे कारोबार के लिए एक पारदर्शी और अनुकूल माहौल बनता है। पोर्टल के माध्यम से दक्षता और जवाबदेही की अभिवृद्धि के साथ-साथ उत्पादन क्षमता को भी बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।
यह एक पारदर्शी कानूनी माप प्रणाली प्रदान करता है: ईमैप पोर्टल उपभोक्ताओं के लिए यह सुनिश्चित करता है कि व्यापार उपकरणों की सटीकता सत्यापित की गई है जिससे लेनदेन में विश्वास बढ़ता है। यह एक पारदर्शी कानूनी माप प्रणाली प्रदान करता है जिससे प्रमाणपत्रों तक आसान पहुंच मिलती है और अधिकारों और जिम्मेदारियों के बारे में जागरूकता बढ़ती है। यह पोर्टल सरकारों को डेटा-संचालित निर्णय लेने में सक्षम बनाता है, प्रवर्तन गतिविधियों को सुव्यवस्थित करता है और नीति-निर्माण को सुविधाजनक बनाता है जिससे एक मजबूत और कुशल विनियामक ढांचा सुनिश्चित होता है।