केंद्रीय मंत्री की मीडिया से बातचीत
- पात्रों को लाभ देने को 13 एक्सक्लूशन क्राइटेरिया को 10 किया गया है
- पीएमजीएसवाई-III के तहत 6 माह में 6614 किमी सड़क को स्वीकृति दी गई
- पीएम-जनमन के अंर्तगत 2337 किमी सड़क को स्वीकृति मिली
- अब तक 1 करोड़ 15 लाख 274 स्वयं सहायता समूह के माध्यम से लखपति दीदी की श्रेणी में आ चुकी हैं
नई दिल्ली। केंद्रीय ग्रामीण विकास व कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज मीडिया को ग्रामीण विकास मंत्रालय की उपलब्धियों के बारे में बताया।उन्होंने कहा कि आधी आबादी को पूरा न्याय देना, महिला सशक्तिकरण हमारा सबसे प्राथमिक लक्ष्य है। श्री चौहान ने बताया कि इस साल मंत्रालय का बजट 1 लाख 84 हजार करोड़ था उसमें से 1 लाख 3 हजार करोड़ रूपये खर्च कर चुके हैं। प्रधानमंत्री के संकल्प को पूरा करने, ग्रामीण जनता को रोज़गार से जोड़ने और सुविधायें देने के लिए हम दिनरात काम कर रहे हैं। मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए श्री चौहान ने कहा कि किसी भी राज्य में मनरेगा व पीएम आवास योजना में कमियां मिलेंगी तो हम कार्रवाई करेंगे, कार्रवाई के लिए हम प्रतिबद्व हैं। मनरेगा जैसी योजनायें मांग आधारित योजनायें हैं। उसके लिए बजट कम पड़ने पर वित्त मंत्रालय से राज्यों की मांग के आधार पर फिर से पैसा मांगते हैं और वह लगातार रिवाइज़ होता रहता है।
प्रधानमंत्री आवास योजना–ग्रामीण:श्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के अंर्तगत मार्च 2024 तक 2.95 करोड़ आवासों के निर्माण का लक्ष्य था, जिसमें से लगभग सभी घर स्वीकृत किए जा चुके हैं 2.67 करोड़ घर पूर्ण हो चुके हैं। इस कार्यक्रम की सफलता और ग्रामीण घरों की आवश्यकता को महसूस करते हुए आवास योजना का विस्तार किया गया है और आने वाले अगले 5 वर्षों में 2 करोड़ अतिरिक्त आवासों का निर्माण किया जाएगा.ये 2 करोड़ नए घर अगले पांच साल में 3.06 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनाए जाएंगे। कोई भी पात्र परिवार इस योजना के लाभ से वंचित न रहे इसलिए वर्तमान में 13 एक्सक्लूशन क्राइटेरिया को संशोधित कर 10 कर दिया गया है जिससे कोई भी आवास विहीन परिवार छूटने न पाये। एक्सक्लूशन क्राइटेरिया जैसे मशीनीकृत मछली पकड़ने वाली नाव, रेफ्रीजिरेटर, लैंडलाइन फ़ोन को हटा दिया गया है। इसके अलावा एक्सक्लूशन क्राइटेरिया में परिवार के किसी सदस्य की मासिक आय 10,000 से बढाकर रुपये 15,000 कर दी गयी है। मेरी सरकार ने आपके विचारों एवं सभी सहभागियों से परामर्श करके निर्णय लिया कि ग़ैर ज़रूरी शर्तों को हटाया जाये जिससे सभी के लिये आवास के उद्देश्य को सच मायने में साकार किया जा सके। पुरानी एवं नई एक्सक्लूशन क्राइटेरिया संलग्न है।
श्री चौहान ने कहा कि अंतर्गत लाभार्थियों को MGNREGA के तहत अपने घर बनाने के लिए 90-95 दिनों की मजदूरी का भी लाभ दिया जाता है एवं अन्य कल्याणकारी योजनाओं जैसे स्वच्छ भारत मिशन, उज्ज्वला योजना, और सौभाग्य योजना से समन्वय कर आवासों में शौचालय, रसोई गैस और बिजली की सुविधा सुनिश्चित की जा रही है । साथ प्रधान मंत्री सूर्य घर: मुफ़्त बिजली योजना से समन्वय करके लाभार्थियों को सोलर रूफ टॉप का कनेक्शन देकर उनके बिजली बिल को कम करने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना के तहत बनने वाला हर घर एक संपूर्ण आवास है… एक सुविधा संपन्न आवास। सच मायने में यही योजना, ग़रीबी मुक्त गाँव एवं विकसित भारत की आधारशिला साबित होंगे।नव अनुमोदित 2 करोड़ के लक्ष्य में से मौजूदा 18 राज्यों को लगभग 38 लाख का लक्ष्य दिया गया है जिसके लिए आप सभी राज्यों को रूपये 10668 करोड़ फण्ड जारी कर दिया गया है। इस योजना में फंड्स की कोई कमी नहीं है और राज्यों से अनुरोध है कि राज्यंश को समय से निर्गत करें एवं फंड्स का उपभोग करके अगली किश्त के लिए प्रस्ताव भेजकर केंद्र सरकार से केंद्रांश प्राप्त करें।
न्यूनतम घर का आकार 25 वर्ग मीटर: न्यूनतम घर का आकार 25 वर्ग मीटर निर्धारित किया गया है, जिसमें स्वच्छ खाना पकाने की जगह भी शामिल है, मैदानी इलाकों में ₹1.20 लाख और पूर्वोत्तर और पहाड़ी राज्यों में ₹1.30 लाख की सहायता दी जाएगी। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से कुशलतापूर्वक भुगतान किया जाता है, इस वर्ष 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को भुवनेश्वर में प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक क्लिक के माध्यम से उनकी पहली किस्त प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा 17 सितम्बर 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भुबनेश्वर, उड़ीसा से सिंगल क्लिक द्वारा 15 लाख आवासों को स्वीकृत पत्र देने सहित 10 लाख से अधिक लाभार्थियों को आवास निर्माण हेतु प्रथम किश्त के रूप में रूपये 3180 करोड़ आधार के माध्यम से जारी किया गया एवं 26 लाख से अधिक आवासों का गृह प्रवेश भी कराया गया.
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना:केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (महात्मा गांधी नरेगा) का उद्देश्य प्रत्येक ग्रामीण परिवार को, जिसके वयस्क सदस्य स्वेच्छा से काम करते हैं, एक वित्तीय वर्ष में कम से कम एक सौ दिन की गारंटीकृत मजदूरी रोजगार प्रदान करके देश के ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों की आजीविका सुरक्षा बढ़ाना है।