जीवाश्म आधारित ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा: खट्टर

राष्ट्रीय

विद्युत मंत्रालय सलाहकार समिति की बैठक

नई दिल्ली । विद्युत मंत्रालय के लिए सांसदों की संसदीय सलाहकार समिति की बैठक कल शाम नई दिल्ली में हुई। केंद्रीय विद्युत और आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री श्री मनोहर लाल ने बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में विद्युत राज्य मंत्री श्री श्रीपद येसो नाइक भी उपस्थित थे। बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के सांसदों ने भाग लिया। बैठक का विषय ‘राष्ट्रीय विद्युत योजना–उत्पादन’ था। केन्‍द्रीय विद्युत प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री घनश्याम प्रसाद ने इस विषय पर एक प्रस्तुति दी। मंत्री मनोहरलाल ने  कहा कि गैर-जीवाश्म आधारित ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

सभी के लिए सस्ती बिजली के लिए भंडारण क्षमता बढ़ानी होगी : श्री मनोहर लाल ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने में बिजली एक महत्वपूर्ण घटक है। उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए बिजली उत्पादन को बढ़ाना आवश्यक है। कार्बन नेट-जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि गैर-जीवाश्म आधारित ऊर्जा स्रोतों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। केंद्रीय मंत्री ने सभी के लिए सस्ती और विश्वसनीय बिजली सुनिश्चित करने के लिए भंडारण क्षमता बढ़ाने के महत्व पर भी बल दिया। श्री मनोहर लाल ने इस बात पर भी जोर दिया कि लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार को मिलकर काम करने की आवश्यकता है।

श्री श्रीपद येसो नाइक ने कहा कि भारत एनडीसी के अनुसार ऊर्जा परिवर्तन कर रहा है और सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की राह पर है। राष्ट्रीय विद्युत योजना पांच वर्ष की अल्पकालिक रूपरेखा है जिसमें आगामी 15 वर्षों के लिए लक्ष्‍य रखे गए हैं। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा तैयार की गई चौथी राष्ट्रीय विद्युत योजना में 2017-22 की अवधि की समीक्षा, वर्ष 2022-27 के दौरान क्षमता वृद्धि की विस्तृत आवश्यकता और वर्ष 2027-32 के लिए योजना अनुमान शामिल हैं।

वर्तमान परिदृश्य: 31 अक्‍टूबर, 2024 तक स्थापित उत्पादन क्षमता 454.5 गीगावाट थी जिसमें 243.1 गीगावाट तापीय, 8.2 गीगावाट परमाणु, 203.2 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा और 46.97 गीगावाट बड़ी पनबिजली शामिल थी। 2014-15 से उत्पादन क्षमता में 5.97 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। वर्ष 2023-24 के दौरान सभी स्रोतों से सकल उत्पादन 1739 बीयू था जिसमें ताप विद्युत क्षेत्र से 1326 बीयू (76 प्रतिशत), परमाणु से 48 बीयू (3 प्रतिशत), आरई स्रोतों से 365 बीयू (21 प्रतिशत) और पन विद्युत से 169 (10.4 प्रतिशत) शामिल हैं। सरकार के ठोस प्रयासों के कारण सकल उत्पादन 2013-14 के दौरान 1033 बीयू से बढ़कर 2023-24 में 1739 बीयू हो गया है, जो 2013-14 से ~ 5.4 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ा है।

मई 2024 के महीने में लगभग 250 गीगावाट की अधिकतम मांग देखी गई: देश में वर्तमान वर्ष (2024-25) के दौरान मई 2024 के महीने में लगभग 250 गीगावाट की अधिकतम मांग देखी गई है। 2013-14 से 2023-24 तक अधिकतम मांग 16 प्रतिशत की वार्षिक दर से बढ़ी है जबकि 2013-14 से 2023-24 के दौरान ऊर्जा की आवश्यकता 5 प्रतिशत  की दर से बढ़ी है। पिछले पांच वर्षों में देश में मांग के अनुरूप ऊर्जा की आपूर्ति न हुई हो, ऐसा बहुत कम देखा गया है।

मांग अनुमान:  केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) द्वारा प्रकाशित 20वीं ईपीएस रिपोर्ट के अनुसार, 2031-32 तक चरम मांग और ऊर्जा आवश्यकता लगभग 366 गीगावॉट और 2474 बीयू होगी। अखिल भारतीय स्तर पर अनुमानित विद्युत ऊर्जा आवश्यकता और बिजली की अधिकतम मांग वर्ष 2026-27 के लिए क्रमशः 1908 बीयू और 277 गीगावॉट अनुमानित है।

एनईपी के लक्ष्यों को प्राप्त करने में ऊर्जा भंडारण क्षमता एक महत्वपूर्ण पहलू है। वर्ष 2026-27 तक 7.45 गीगावाट क्षमता के पीएसपी आधारित भंडारण और 47.65 गीगावाट घंटे भंडारण तथा 8.68 गीगावाट/34.72 गीगावाट भंडारण के साथ 16.13 गीगावाट/82.37 गीगावाट घंटे की ऊर्जा भंडारण क्षमता की आवश्यकता है।

कुल क्षमता वृद्धि के अनुमान वर्ष 2029-30 तक 500 गीगावाट की गैर-जीवाश्म आधारित स्थापित क्षमता हासिल करने के देश के लक्ष्य के अनुरूप हैं। 2022-2027 की अवधि के लिए कुल निधि की आवश्यकता 14,54,188 करोड़ रुपए होने का अनुमान है जिसमें 2027-32 के दौरान शुरू होने वाली परियोजनाओं के लिए अग्रिम कार्रवाई के लिए 2022-27 के दौरान संभावित व्यय भी शामिल है।

वर्ष 2026-27 में औसत उत्सर्जन कारक घटकर 0.548 किग्रा CO2/केडब्‍ल्‍यूएच तथा वर्ष 2031-32 के अंत तक 0.430 किग्रा CO2/केडब्‍ल्‍यूएच हो जाने की उम्मीद है। गैर-जीवाश्म आधारित क्षमता की हिस्सेदारी 2026-27 के अंत तक बढ़कर 57.4 प्रतिशत होने की संभावना है और अक्टूबर 2024 तक लगभग 46.5 प्रतिशत से बढ़कर 2031-32 के अंत तक 68.4 प्रतिशत तक पहुंचने की संभावना है।

सांसदों ने कई सुझाव दिए: सांसदों ने विभिन्न पहलों और योजनाओं के बारे में कई सुझाव दिए। उन्होंने महत्वाकांक्षी हरित ऊर्जा लक्ष्यों और बिजली उत्पादन क्षमता में उपलब्धियों के लिए योजना की सराहना की। बैठक में भंडारण, नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और किसानों के मुआवजे से संबंधित मुद्दों पर भी चर्चा हुई। श्री मनोहर लाल ने प्रतिभागियों के बहुमूल्य योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने सांसदों द्वारा दिए गए सुझावों को शामिल करने और लोगों के कल्याण को प्राथमिकता देने के लिए अधिकारियों को उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया

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