विश्व एड्स दिवस पर संगोष्ठी
श्रावस्ती। जिला एड्स नियंत्रण सोसायटी के तत्वावधान में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में विश्व एड्स दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी को संबांधित करते हुए सीएमओ डॉ अजय प्रताप सिंह ने कहा कि एड्स के बारे में जानकारी ही उसके बचने का सबसे अच्छा तरीका है।
भेदभाव न करें और न करने दें : सोमवार को सीएमओ कार्यालय में एड्स दिवस पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित
करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा एपी सिंह ने कहा कि एचआई से संक्रमित व्यक्तियों के साथ भेदभाव न करें और न करने दें । यदि कोई व्यक्ति किसी एचएआईवी संक्रमित व्यक्ति के साथ दुर्व्यवहार करे तो उसकी जानकारी
विभागीय अधिकारियों को जरुर दें ताकि ऐसे लोगो के खिलाफ कार्रवाही की जा सके।
एचआईवी से ग्रसित सभी मरीजों को टीबी होने का सर्वाधिक खतरा: जिला क्षय रोग अधिकारी डा. के के वर्मा ने कहा कि रेड रिबन के माध्यम से एचआईवी संक्रमित व्यक्तियों को संगठित करने का कार्य किया जाता है। श्री वर्मा ने कहा कि एचआईवी से ग्रसित सभी मरीजों को टीबी होने का सर्वाधिक खतरा रहता है। इसलिए शासन के निर्देश पर सभी टीबी मरीजों की एचआईवी की जांच एवं एचआईवी मरीजों की टीबी की जांच शत प्रतिशत कराई जाती है।
एड्स संक्रमित व्यक्ति एआरटी औषधि लेकर पूरा जीवन जी सकता है : जिला कार्यक्रम प्रबंधक राकेश गुप्ता ने कहा कि एड्स संक्रमित व्यक्ति एआरटी औषधि लेते हुए पूरे जीवन को जी सकता है। परामर्शदाता एसटीआई जितेन्द्र मिश्रा ने कहा कि यौन रोगियो में एचआईवी संक्रमण होने का जोखिम अधिक होता है यौन संक्रमण का समुचित इलाज करके एचआईवी से बचा जा सकता है। संगोष्ठी में जगदेव प्रसाद वर्मा, बबिता बाजपेई, रवि कुमार मिश्र, संदीप सिंह, अनुपम श्रीवास्तव, अल्ताफ हुसैन, देवी प्रसाद, गुलाम मुस्तफा, अनूप कुमार एवं स्नेहा तिवारी सहित अन्य कर्मचारी मौजूद रहे।
इससे बचें तो सेफ रहेंगे
- संक्रमित सुई/सिरिंज का प्रयोग।
- संक्रमित रक्त चढाने से।
- एचआईवी संक्रमित गर्भवती मां से बच्चे को।
- असुरक्षित यौन संबंध से।
एड्स से बचाव के उपाय
- संक्रमित सुई/सिरिंज का प्रयोग बिल्कुल न करें।
- लाइसेंस शुदा रक्तकोष से ही रक्त ले।
- गर्भवती मां का इलाज व संस्थागत प्रसव।
- असुरक्षित यौन संबंध न बनाए।