प्रधानमंत्री का दोहरी एआई शक्ति से चुनौती को अवसर में बदलने का आह्वान

राष्ट्रीय

अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक सम्मेलन

  • प्रधानमंत्री ने स्मार्ट पुलिसिंग के मंत्र का विस्तार किया और पुलिस से रणनीतिक, सतर्क, अनुकूल, विश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया
  • प्रधानमंत्री ने पुलिस से आधुनिकीकरण करने और ‘विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप बनने का आग्रह किया

नई  दिल्ली।  प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 30 नवंबर और दिसंबर2024 को भुवनेश्वर में 59वें अखिल भारतीय पुलिस महानिदेशक/महानिरीक्षक सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने इस अवसर पर पुलिस नेतृत्व से भारत की दोहरी एआई शक्ति – कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसऔर आकांक्षी भारत’ – का उपयोग करके चुनौती को अवसर में बदलने का आह्वान किया।

समापन सत्र मेंप्रधानमंत्री ने खुफिया ब्यूरो के अधिकारियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक वितरित किए। अपने समापन भाषण में, प्रधानमंत्री ने कहा कि सम्मेलन के दौरान सुरक्षा चुनौतियों के राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आयामों पर व्यापक चर्चा हुई और चर्चाओं में सामने आयी जवाबी रणनीतियों पर संतोष व्यक्त किया।

अपने संबोधन के दौरानप्रधानमंत्री ने डिजिटल धोखाधड़ीसाइबर अपराध और एआई तकनीक के कारण उत्पन्न संभावित खतरोंविशेष रूप से सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को बाधित करने वाले डीप फेक की क्षमता पर चिंता व्यक्त की। एक जवाबी उपाय के रूप मेंउन्होंने पुलिस नेतृत्व से भारत की दोहरी एआई शक्ति – कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंसऔर आकांक्षी भारत’ – का उपयोग करके चुनौती को अवसर में बदलने का आह्वान किया।

प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान उन्होंने स्मार्ट पुलिसिंग के मंत्र का विस्तार किया और पुलिस को रणनीतिकसतर्कअनुकूलविश्वसनीय और पारदर्शी बनने का आह्वान किया। शहरी पुलिस व्यवस्था में की गई पहल की सराहना करते हुएउन्होंने सुझाव दिया कि प्रत्येक पहल को देश के 100 शहरों में समन्वित और लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने पुलिस बल के कार्यभार को कम करने के लिए प्रौद्योगिकी के उपयोग का आह्वान किया और सुझाव दिया कि पुलिस स्टेशन को संसाधन आवंटन के लिए केंद्र बिंदु बनाया जाना चाहिए।

कुछ प्रमुख समस्याओं के समाधान में हैकाथॉन की सफलता पर चर्चा करते हुएप्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पुलिस हैकाथॉन आयोजित करने पर भी विचारविमर्श करने का सुझाव दिया। प्रधानमंत्री ने बंदरगाह सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करने और इसके लिए भविष्य की कार्य योजना तैयार करने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला।

गृह मंत्रालय में सरदार वल्लभभाई पटेल के अद्वितीय योगदान को याद करते हुएप्रधानमंत्री ने गृह मंत्रालय से लेकर पुलिस स्टेशन स्तर तक के पूरे सुरक्षा प्रतिष्ठान से अगले वर्ष उनकी 150वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करने का आह्वान किया और पुलिस बल से पुलिस की छविपेशेवर कुशलता और क्षमताओं में सुधार लाने वाले किसी भी पहलू पर लक्ष्य निर्धारित करने और उसे हासिल करने का संकल्प लेने का आग्रह किया। उन्होंने पुलिस से आधुनिकीकरण करने और विकसित भारत’ के दृष्टिकोण के अनुरूप बनने का आग्रह किया।

सम्मेलन के दौरान आतंकवादवामपंथी उग्रवादसाइबर अपराधआर्थिक सुरक्षाआव्रजनतटीय सुरक्षा और मादक पदार्थों की तस्करी सहित राष्ट्रीय सुरक्षा की मौजूदा और उभरती चुनौतियों पर गहन चर्चा हुई। बांग्लादेश और म्यांमार की सीमा पर उभरती सुरक्षा चिंताओंशहरी पुलिस व्यवस्था के रुझानों और दुर्भावनापूर्ण आख्यानों का मुकाबला करने की रणनीतियों पर भी विचारविमर्श किया गया। इसके अलावानए बनाए गए प्रमुख आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयनविभिन्न पहलों और पुलिस व्यवस्था में सर्वोत्तम तौरतरीकों के साथसाथ पड़ोस में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। प्रधानमंत्री ने कार्यक्रमों के दौरान बहुमूल्य जानकारी दी और भविष्य के लिए एक रोडमैप तैयार किया।

सम्मेलन में केंद्रीय गृह मंत्रीप्रधानमंत्री के प्रधान सचिवराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारकेंद्रीय गृह राज्य मंत्री और केंद्रीय गृह सचिव भी शामिल हुए। हाइब्रिड प्रारूप में आयोजित इस सम्मेलन में सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के डीजीपी/आईजीपी और सीएपीएफ/सीपीओ के प्रमुख भी उपस्थित थे तथा सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों से विभिन्न रैंकों के 750 से अधिक अधिकारीयों ने वर्चुअल रूप से भाग लिया।

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