महाराष्ट्र में शपथ ग्रहण में क्यों हो रही है देरी

राष्ट्रीय

 

लखनऊ। महाराष्ट्र में विधानसभा के चुनाव परिणाम आये हुए एक हफ्ता हो गया है लेकिन अभी तक वहां  मुख्यमंत्री का नाम तय नहीं हो पाया है। विलम्ब के पीछे लगता है भारतीय जनता पार्टी का शीर्ष नेतृत्व घटक दलों खासकर शिवसेना शिंदे गुट का दबाव महसूस कर रहा है।

आधा घंटा अलग से मीटिंग : दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ देवेंद्र फणनवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार ने मुलाकात की। लेकिन कहा जाता है कि इस मुलाकात से पहले एकनाथ शिंदे ने अमित शाह से आधा घंटा अलग से बैठक की मांग कि थी जिसे मान भी  लिया गया था। इस आधा घंटा की शाह  के साथ मुलाकात में शिंदे  ने क्या मांग राखी जिससे भाजपा नेतृत्व कोई निर्णय नहीं ले पा  रहा है।

सतारा चले गए शिंदे : बताया जाता है कि दिल्ली से लौटकर एकनाथ शिंदे सतारा चले गए हैं। दरअसल शिंदे फणनवीस को मुख्यमंत्री के रूप में सहज रूप से स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। वह देवेंद्र के नीचे डिप्टी नहीं बनना चाहते। देवेंद्र उनके नीचे डिप्टी रह चुके हैं।  जबकि देवेंद्र पांच साल मुख्यमंत्री रह चुके हैं उनके नीचे शिंदे मात्र एक मंत्री थे। तो भाजपा की संस्कृति और दूसरे दलों की संस्कृति में यही फर्क दिखता है।

शिंदे को अपनी और पार्टी की चिंता : शिंदे अगर किसी दूसरे को डिप्टी बनवाते हैं तो उनको कहीं न कहीं चिंता है की कहीं वह इन पांच सैलून में उनसे आगे न निकल जाये। उधर वह अपने आप को बड़ा नेता मैंने लगे हैं। इस वजह से भी उनको लगता है की डिप्टी सीएम क्यों बनें।

भाजपा सबको साथ लेकर चलना चाहती है : भाजपा घटक दलों को साथ लेकर चलना चाहती है। भले ही उसकी सीटें ज्यादा आई हैं उसको कुछ निर्दलीयों का भी समर्थन मिल गया है। इस तरह उसके लिए सरका  बनाना कठिन नहीं है लेकिन वह घटक दलों को साथ रखना चाहती है।

अजित पवार फणनवीस के साथ : अजित पवार और उनकी पार्टी देवेंद्र फणनवीस के साथ खड़ी दिख रही है। वह उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहती है। क्योंकि उन्हें पता है कि उनकी और उनके दल की क्या स्थिति है।

 

 

 

 

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