पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी
नई दिल्ली। सरकार उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न कदम उठा रही है। घरेलू स्तर पर, पेट्रोल और डीजल की कीमतें नवंबर 2021 में 110.04 रुपये और 98.42 रुपये प्रति लीटर से घटकर क्रमशः 94.77 रुपये और 87.67 रुपये प्रति लीटर (18.11.2024 तक, दिल्ली की कीमतों के अनुसार) हो गई हैं। ऐसा केंद्र सरकार द्वारा नवंबर 2021 और मई 2022 में दो किस्तों में पेट्रोल और डीजल पर कुल मिलाकर क्रमशः 13 रुपये और 16 रुपये प्रति लीटर की केंद्रीय उत्पाद शुल्क में कटौती के परिणामस्वरूप हुआ है। इसका पूरा लाभ उपभोक्ताओं को दिया गया है। कुछ राज्य सरकारों ने भी नागरिकों को राहत देने के लिए राज्य वैट दरों में कमी की है। मार्च, 2024 में, तेल विपणन कंपनियों ने भी देश भर में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की कमी की है। यह जानकारी पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय में राज्य मंत्री श्री सुरेश गोपी ने आज लोकसभा में एक लिखित उत्तर में दी।
भारत सरकार ने आम नागरिकों को उच्च अंतर्राष्ट्रीय कीमतों से राहत देने के लिए कई अन्य कदम भी उठाए है जिनमें कच्चे तेल के आयात में विविधता लाना, पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर अप्रत्याशित कर लगाना, घरेलू बाजार में पेट्रोsansad se ल और डीजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सार्वभौमिक सेवा दायित्व के प्रावधानों को लागू करना, पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण को बढ़ाना आदि शामिल हैं। संसद से
हाल ही में सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों ने अंतर-राज्य मालभाड़े को तर्कसंगत बनाया है। इससे पेट्रोलियम तेल और स्नेहक (पीओएल) डिपो से दूर दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले उपभोक्ताओं को लाभ मिला है। इससे राज्यों के दूरवर्ती क्षेत्रों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आई है। इस पहल से राज्य के भीतर पेट्रोल या डीजल की अधिकतम और न्यूनतम खुदरा कीमतों के बीच का अंतर भी कम हो गया है।
पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण को दिया जा रहा प्रोत्साहन : उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण को प्रोत्साहन दे रही है। वर्ष 2022 में संशोधित जैव ईंधन-2018 की राष्ट्रीय नीति ने अन्य बातों के साथ-साथ पेट्रोल में इथेनॉल के 20 प्रतिशत मिश्रण के लक्ष्य को वर्ष 2030 से बढ़ाकर इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) वर्ष 2025-26 कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने जून 2022 में पेट्रोल में 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है। यह ईएसवाई 2021-22 के दौरान लक्ष्य से पांच महीने पहले है। ईएसवाई 2022-23 में इथेनॉल का मिश्रण बढ़कर 12.06 प्रतिशत और ईएसवाई 2023-24 के दौरान लगभग 14.6 प्रतिशत हो गया। बीते दस वर्षों के दौरान सार्वजनिक क्षेत्र की ओएमसी द्वारा पेट्रोल में इथेनॉल मिश्रण से 30.09.2024 तक 1,08,655 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत हुई है।
चीनी मिलों को राजस्व सृजित करने मदद मिली : चीनी आधारित फीडस्टॉक से उत्पादित इथेनॉल ने चीनी मिलों को अपने अधिशेष चीनी भंडार को कम करने और गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान करने के लिए जल्दी राजस्व सृजित करने में सहायता की है। पिछले दस वर्षों के दौरान, ईबीपी कार्यक्रम से 30.09.2024 तक किसानों को लगभग 92,409 करोड़ रुपये का शीघ्र भुगतान प्राप्त हुआ है। इसी अवधि के दौरान, ईबीपी कार्यक्रम के परिणामस्वरूप लगभग 1,08,655 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी मुद्रा की बचत, 185 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का प्रतिस्थापन और लगभग 557 लाख मीट्रिक टन कुल CO2 में कमी आई है। यह अनुमान के अनुसार पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण के परिणामस्वरूप किसानों को सालाना 35 हजार करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान होने की संभावना है।