जहांगीराबाद (सीतापुर)।बसंत पंचमी के अवसर पर कस्बा स्थित श्री कुञ्ज बिहारी लाल सरस्वती ज्ञान मन्दिर इण्टर कालेज जहांगीराबाद के प्रांगण में रविवार को स्वर्गीय जगदीश कुमार यादव की पुण्य स्मृति में बारहवें वार्षिक आध्यात्मिक सत्संग एवं विशाल भण्डारे का आयोजन किया गया जिसमें हजारों की संख्या में बाबा जयगुरुदेव के अनुयायी महिला पुरुषों और बच्चों ने भाग लिया। इस अवसर पर आयोजित विशाल भण्डारा में भारी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।भण्डारा देर शाम तक चलता रहा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ चिकित्सक एवं समाजसेवी डाक्टर श्याम किशोर वर्मा ने की। मुख्य संदेश वाहक के रूप में सत्संग में मौजूद जयगुरुदेव धर्म प्रचारक संस्था मथुरा से पधारे राष्ट्रीय उपदेशक राजेश पाल ने कहा कि जयगुरुदेव उस शक्तिमान प्रभू का नाम है जो आपका लोक परलोक बनाने में मदद करेगा। समाज में इस समय हिंसा और अपराध की प्रवृत्ति बढ़ रही है।यह मांसाहार और शराब के कारण है।शाकाहारी स्वभाव जो धारेगा,संसार में स्वर्ग उतारेगा। शाकाहारी विचार और कर्म से ही मानव खुशहाल होगा तभी भगवान का भजन कर सकेगा और आत्मा को शान्ति मिलेगी तथा प्रभु के दर्शन होंगे।
सत्संग संबोधन में प्रमुख वक्ता ने कहा कि प्रभु की कृपा होने वाली है,मालिक की याद में रहो। मनुष्य का शरीर यानी इंसानी जिस्म पाना मालिक की बहुत बड़ी मेहरबानी है।नाम की एक एक बूंद को एकत्र करते रहो।अगर कुछ बाकी रह गया तो फिर मनुष्य शरीर में आ जाओगे और काम पूरा कर लोगे।
उन्होंने कहा कि भारतवर्ष कर्मक्षेत्र भूमि है ऊपर के हर मण्डलों की शक्तियां यहां रहा करती हैं।जब संतो का काम हो जाता है तब वह अपना काम करती हैं। कार्यक्रम का संचालन बिसवां संगत के ब्लाक अध्यक्ष कामता प्रसाद यादव ने किया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में बिसवां संगत के तहसील अध्यक्ष देशराज यादव भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा पूज्यपाद् परम संत बाबा जयगुरुदेव महाराज की प्रार्थना है कि आप सब शाकाहारी हो जायें।
इस दौरान आयोजक एवं विद्यालय प्रबंधक वीरेन्द्र कुमार यादव, अनुराग यादव लखनऊ, तहसील अध्यक्ष महमूदाबाद रामनिवास, बिसवां ब्लाक संरक्षक रमेश बाबू, ब्लाक अध्यक्ष रेउसा रामेश्वर, जहांगीराबाद , दुर्गेश कुमार,अजय यादव, रावेन्द्र वर्मा, कन्हैयालाल महमूदाबाद, न्याय पंचायत अध्यक्ष अशर्फी लाल, संगठन मंत्री परमेश कुमार यादव (पुजारी जी) व समस्त विद्यालय परिवार सहित हजारों की संख्या में बाबा जयगुरुदेव के उपासक मौजूद रहे।