लखनऊ। झाँसी मेडिकल कॉलेज में तीन दिन पूर्व हुई अग्निकांड की घटना दिल दहलाने वाली है। यहां के एनआईसीयू वार्ड में शुक्रवार की रात आग लग गई थी। हादसे में अब तक 11 नवजात बच्चों की जान जा चुकी है। केंद्र और प्रदेश सरकारों की तरफ से मुआवजे की घोषणा की गई है।
झाँसी मेडिकल कॉलेज कॉलेज में ऑक्सीजन कन्संट्रेटर में स्पार्किगं से धमाका हो गया था जिससे यह हादसा हुआ। हादसे के बाद 6 बच्चे लापता थे इनमे से एक और बच्चे की मौत होने की सूचना है। इस तरह अब तक हादसे में 11 नवजात बच्चों की जान जा चुकी है। इस बीच रविवार को करुण क्रंदन की बीच 10 बच्चों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।
सात – सात लाख सहायता राशि : राज्य सरकार की ओर से मृतक बच्चों के परिजनों के लिए 5-5 लाख रूपये की सहायता राशि की घोषणा की गई थी जो उनके खतों में पहुंच गई है। इस बीच केंद्र सरकार ने भी दो-दो लाख की सहायता राशि की घोषणा की है। घायल बच्चों के परिजनों को केंद्र और राज्य सरकारों की तरफ से 50-50 हजार रूपये दिए जायेंगे। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुःख प्रकट करते हुए मृतक बच्चों के परिजनों के प्रति संवेदना प्रकट की है।
ब्रजेश पाठक ने किया निरीक्षण : हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मेडिकल कॉलेज में हादसे वाले वार्ड का निरिक्षण किया। उन्होंने घटना की जाँच कराने के निर्देश दिए साथ ही कहा कि घटना के लिए जिम्मेदार को किसी भी हालत में बख्सा नहीं जायेगा। उन्होंने इमरजेंसी के बाहर उनकी स्वागत के लिए चुना छिड़कने पर जिम्मेदारों पर नाराजगी जताई। दूसरी तरफ प्रमुख सचिव पार्थ सारथी सेन शर्मा ने घटना की जाँच के लिए महानिदिदेशक चिकित्सा शिक्षा प्रशिक्षण किंजल सिंह की अगुवाई में जाँच टीम गठित की है। इसमें निदेशक स्वास्थ्य, अपर निदेशक विद्युत, चिकित्सा स्वास्थ्य , महानिदेशक अग्निशमन से नामित अफसर भी शामिल होंगे।