सतना – समूचे प्रदेश में अतिशेष शिक्षक मामले की कार्यवाही में जिले के सहायक ग्रेड 3 बृजेन्द्र सिंह को रीवा जेडी नें निलंबित कर दिया है। जिला सहायक बृजेन्द्र सिंह पर आरोप है कि उन्होंने अतिशेष की कार्वाही में शासन से जारी दिशा निर्देश का पालन नहीं किया। बताते चलें कि अतिशेष शिक्षकों द्वारा प्रस्तुत अभ्यावदन का तथ्यात्मक परीक्षण किया जाकर उल्लेखित बिन्दुओं से संबंधित दस्तावेजों के आधार पर दिये गये दिशा निर्देश के अनुक्रम में निराकरण करते हुए बोलता आदेश जारी किया जाना था जिसके लिए संभाग स्तर पर समिति गठित थी। उक्त समिति के समक्ष सभी दस्तावेजों के साथ अभ्यावदनों का निराकरण हेतु नस्तियों को पेश किया जाना था किन्तु बाबू द्वारा संचालन की ओर से जारी दिशा निर्देशों के विपरीत संबंधित आपत्तियों के निराकरण हेतु न तो तथ्य प्रस्तुत किये गये और न ही उन तथ्यों के समर्थन में विधि सम्मत दस्तावेज प्रस्तुत किये गये जिसके वजह से प्रकरणों के निराकरण में कठिनाई हुई।
बाबू के निलंबन में एक दलील यह भी दी जा रही है कि कारण बताओ नोटिस का जवाब देने के बाद कार्यालय में उपस्थित होने को कहा गया था किन्तु बाबू उपस्थित नहीं हुए और अपना मोबाइल भी बंद रखा इसलिए निलंबन की कार्यवाही हुई है। साथ ही एक ओर चर्चाओं का बाजार भी गरम है दोहरी निती अपनाते हुए कार्यवाही हुई है। जिले जिम्मेदार अधिकारीयों पहले कार्य में गंभीरता नहीं दिखाई बाद में मामला प्रकाश में आने पर बाबू को बलि का बकरा बना दिया गया है क्योंकि अफसरों द्वारा जिस तरह कार्वाही की गई है उससे सवाल यह खडे हो रहे स्पींकिग आर्डर न जारी होने के लिए क्या सिर्फ बाबू जिम्मेदार है ? उन अफसरों पर कार्यवाही क्यों नहीं हुई जिनकी निगरानी में अतिशेष की कार्यवाही हो रही थी।