सतना- देश भर में करवाचौथ का पर्व बडे ही धूमधाम से मनाया गया। देश के प्रत्येक राज्यों में चांद के दर्शन महिलाओं को हो गया एवं चांद दिखते ही महिलाओं नें चांद की जल देकर पूजा की साथ ही पति की पूजा की इसके बाद सभी व्रती महिलाओं को उनके पतियों नें पानी के साथ मिठाई खिलाते हुए व्रत पुरा करवाया। बताते चलें महिलाओं नें चन्द्रोदय के समय एक लोटे में साफ जल भरा और उसमें दूध, अक्षत और सफेद फूल मिलाया फिर चन्द्रमा का ध्यान करते हुए जल देने के साथ मंत्र गगनार्णवमाणिक्य चन्द्र दाक्षायणीपते। गृहाणाघर्य मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक।। मंत्र का उच्चारण करते हुए चन्द्र देव को प्रणाम करते हुए अपने पति की लंबी आयु एवं सुखी जीवन की प्रार्थना की।
करवाचौथ के मौके पर सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। करवा चौथ के व्रत में चांद का विशेष महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि करवाचौथ पूजा के दौरान माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करने से अखंड सौभाग्य प्राप्त होता है। बिना चांद के दर्शन और जल अर्पित किए बिना यह व्रत पूर्ण नहीं होता है इसलिए करवाचौथ के दिन चांद का खास महत्व होता है।