सतना- शहर के विभिन्न मोहल्ले में रविवार को दुर्गा पंडालों से बंगाली समाज एवं अन्य समाज की औरतों नें मां दुर्गा को सिंदूर लगाने के साथ आपस में सिंदूर एक दुसरो को लगाकर मां दुर्गा के प्रतिमा विसर्जन में शामिल रहीं एवं मां दुर्गा को अगले बरस जल्दी आने का आह्वान देते हुए विदा किया। नौ दिनों तक मां दुर्गा के अलग रूपों की पूजा के साथ नवरात्र का समापन उत्साहपूर्वक हो गया। नवरात्रि का अंत वैसे तो विजयादशमी को माना जाता है किन्तु मां के प्रती आस्था रखते हुए कई लोग एक दिन बाद दुर्गा विसर्जन करते हैं। शहर में भी बांधवगढ़ कॉलोनी, कोलगवां,रीवा रोड समेत कई मोहल्ले ऐसे थे जहां रविवार को भी दुर्गा विसर्जन किया गया। बताते चलें कि सिंदूर खेला बंगाली समुदाया की महत्वपूर्ण परंपरा है जिसे हर वर्ष धूमधाम से मनाया जाता है एवं इसे विवाहित महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक होता है। मान्यता है कि मां दुर्गा इन नौ दिनो में अपने मायके में रहती हैं और दशमी के दिन वापस विदा होती हैं। इसी विदाई के समय सिंदूर खेलकर इस परंपरा का पालन किया जाता है। जो विवाहित महिलाओं के जीवन में समृद्धि लाता है।