सतना- दशहरा हिन्दू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। इस अवसर पर मा दुर्गा को भोग लगाने के लिए बनाए गये खास व्यंजन को प्रसाद के रूप में झांकी देखने निकले लोगों को बांटने का भी चलन है साथ ही दशहरे के दिन पान बजरंगबली को चढाने और खाने की भी एक मान्यता है क्योंकि पान हनुमान जी को बहुत पसंद था। कहा जाता है कि पान को विजय का सूचक माना गया है एवं पान का बीडा शब्द का एक महत्व यह भी है की इस दिन हम सन्मार्ग पर चल रहे हैं। पुरानी मान्यताओं के अनुसार पान खाकर लोग राम रावण युद्ध में भगवान राम द्वारा असत्य पर सत्य के जीत की खुशी मनाते हैं। जानकार बताते हैं कि पान का पत्ता मान और सम्मान का प्रतीक है इसलिए हर शुभ कार्य में पान पत्ता उऱपयोग करते हैं। शहर में कई जगह झांकी देखने निकले लोगों को मां दुर्गा के भक्तों द्वारा प्रसाद पूर्वक खिचडी, कढी चावल, पुलाव , पुडी सब्जी बांटा गया साथ ही हर आयु के लोग पान खाते के लिए पान के स्टालों पर नजर आए।