सतना- शारदेय नवरात्रि अपने अंतिम पडाव पर पहुंच चुकी है। श्रद्धालु रोजाना ज्यादा संख्या में घरों से निकलकर शहर में विराजी मां दुर्गा की प्रतिमाओं के दर्शन एवं गरबे का आनंद लेते दिखाई पड रहे हैं साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि एक ही दिन पडने के कारण कन्या भोज भी हो रहे हैं। शहर के कई घरों में महिलाओं नें नौ कन्याओं को अपने घर बुला कर उनके पैर धुलने के पश्चात पैरों में रंग लगाकर पुडी, चना, हलवा, मिठाई का भोजन करवाया एवं कन्याओं को भेंट स्वरूप पैसे और गिफ्ट देकर कन्या भोज का समापन किया साथ ही कन्याएं भी प्रसन्न दिखी एवं घर के सदस्यों को हमेशा कुशल रहने का आशीर्वाद देकर विदा हुई।
कन्या भोज का महत्व
कन्या भोज के लिए घर में पुडी, छोले, चने, हलवा बनाया जाता है एवं 2 से 8 साल तक की कन्याओं को बुलाया जाता है। सभी कन्याओं कि पूजा की जाती है एवं उन्हे आदरपूर्वक भोजन करवाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कन्याओं को मां दुर्गा का स्वरूप माना जाता है इसलिए नवरात्रि के अंतिम दिन कन्याओं को भोजन करवाकर मां दुर्गा को प्रसन्न करने का प्रयास किया जाता है जिसये माता पिता का विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है जिससे घर परिवार में सुख शांति बनी रहती है।