सुलतानपुर। आचार्य पंडित विवेक मिश्र अयोध्या वासी ने कहा कि मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए जिस यज्ञ का आयोजन किया जाता है ।उसे सत चंडी यज्ञ कहा जाता है. इस चंडी यज्ञ को बहुत ही प्रभावशाली और शक्तिशाली यज्ञ माना जाता है.। इस यज्ञ के आयोजन से व्यक्ति का आत्मविश्वास बढ़ता है. कुंडली में मौजूद बुरे ग्रहों का प्रभाव कम होता है। तथा माता दुर्गे की कृपा बनी रहती है। चंडी पाठ को दुर्गा सप्तशती भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि चंडी पाठ करना बेहद ही शुभ माना जाता है। इसका पाठ कार्य सिद्धि, अभय प्राप्ति और त्रिबिध तापों से मुक्ति प्रदान करने वाला है। और नवरात्र में सज्जांदी पाठ करने का विशेष महत्व होता है।
मुख्य यजमान व्यापारी नेता रवीन्द्र त्रिपाठी तथा उनकी पत्नी शशि बाला त्रिपाठी ने बताया कि शत चंडी महायज्ञ तथा देवी भागवत पाठ दिनांक 3 सितंबर से चल रहा है जिसकी पूर्ण आहुति दिनांक 11 अक्टूबर को होगी। श्री त्रिपाठी ने बताया कि आचार्य विवेक मिश्र जी अयोध्या की अध्यक्षता में आठ ब्राह्मणों द्वारा यह महायज्ञ की जा रही है।