करौदीकला, सुलतानपुर।
- सत्यपथ फाउंडेशन के तत्वावधान में 26 अक्टूबर से पाँच दिवसीय श्रीरामकथा का रसपान कराएंगे जगतगुरु श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज
प्रसिद्ध पौराणिक धर्मस्थली विजेथुआ महावीर धाम में 6 दिवसीय विजेथुआ महोत्सव की तैयारियां जोरों पर है। आयोजक समाजसेवी विवेक तिवारी ने बताया कि सत्यपथ फाउंडेशन के तत्वावधान में इस बार विजेथुआ महोत्सव में पाँच दिवसीय श्रीरामकथा का गुणगान तुलसी पीठाधीश्वर जगतगुरु श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज करेंगेँ इसके साथ ही छठे दिन प्रसिद्ध भजन गायक लखवीर सिँह लक्खा अपने भजनों से भक्तों को मँत्रमुग्ध करेंगेँ। श्री तिवारी ने कहा कि कार्यक्रम में प्रतिदिन स्थनीय कलाकार अपनी भक्ति गीतों से समाँ बाँधेंगे।
विदित हो कि कालिनेमी वधस्थली विजेथुआ धाम का वर्णन पुराणों मे वर्णित है। यहाँ दक्षिणमुखी हनुमान जी की भव्य मूर्ति विराजमान है।मान्यता है कि हनुमान जी का एक पैर पाताल लोक तक गया है जिसका आँकलन नहीं किया जा सका है। प्रत्येक माह के मंगलवार व शनिवार को लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ देश भर के कोने कोने से आती है और अपनी मुरादें मांगती है। पँ. राधेश्याम पाँडेय, पुजारी वीरू मिश्र, पँ. शनि महाराज ने बताया कि शास्त्रों मे वर्णित है कि त्रेतायुग मे जब लक्ष्मण जी को बाण लगा था तो सुखेन वैद्य ने सूर्योदय होने से पहले हिमालय जाकर संजीवनी लाने की बात कही, इस पर पवन वेग से चलने वाले अंजनी पुत्र हनुमान को श्रीरामचंद्र जी ने हिमालय से संजीवनी बूटी लाने के लिए कहा। पँ. रिँकू महाराज ने बताया कि रावण के आदेश पर कालनेमी नामक राक्षस ने हनुमानजी को रोकने के लिए साधु का भेष धारण कर लिया और राम नाम का जाप करने लगा।
हनुमान जी सुन्दर बगीचा और राम नाम जप रहे साधु को देख वहां रूके तो कालिनेमी ने हनुमानजी को गुरूमंत्र देने की बात कही तथा कहा कि इससे हनुमानजी का कार्य और जल्दी सफल हो जाएगा।
मुनि न होई यह निसिचर घोरा
साधूवेश धारी राक्षस कालिनेमी के कहने पर कुंड मेँ स्नान करने गए हनुमानजी का पैर मकड़ी (मगर) ने पकड़ लिया। हनुमानजी ने वही उसका वध कर दिया जो श्राप मुक्त हो गई। उसने बताया कि जो राम राम कह रहा है वह रामभक्त नहीं, राक्षस कालिनेमी है जो रावण के कहने पर आपका मार्ग अवरुद्ध कर रहा है। इस प्रसँग का वर्णन राम चरित मानस में भी है। “मुनि न होई यह निसिचर घोरा, मानहु सत्य वचन कपि मोरा।।” मकरी की बात सुन हनुमानजी ने कालनेमी राक्षस का वध कर अपने पैरों से दबाकर पाताल लोक पहुंचा दिया। मान्यता है कि इसके पश्चात् हनुमान जी पाप मुक्ति के लिए हत्याहरण मेँ स्नान कर हिमालय की तरफ चले गए।
हनुमान जयंती का शुभारंभ पिता पँ. राम मिलन तिवारी ने किया शुरू
हनुमान जयंती का शुभारंभ सन् 1983 मेँ तत्कालीन ग्राम प्रधान व विवेक तिवारी के पिता पँ. राम मिलन तिवारी ने किया था। वरिष्ठ अधिवक्ता श्री तिवारी ने बताया कि उस समय विजेथुआ धाम में क्षेत्रवासियों ने भक्ति भाव से हनुमान जयंती के अवसर पर सुन्दरकाण्ड का पाठ कर मनाया था। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम में तत्कालीन मुख्यमंत्री पँ. श्रीपति मिश्र बतौर मुख्य अतिथि आरती में शामिल हुए थे।
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बाबा पँ. राधेश्याम त्रिपाठी की प्रेरणा से मनाया जा रहा महोत्सव-विवेक तिवारी
सत्या माइक्रो कैपिटल लिमिटेड के सीईओ & एमडी व सत्यपथ फाउंडेशन के सँरक्षक विवेक तिवारी बताते हैँ कि श्रद्धेय बाबा पँ. राधेश्याम तिवारी जी की प्रेरणा से व हनुमानजी के आशिर्वाद से विजेथुआ महोत्सव का आयोजन हो रहा है। श्री तिवारी ने कहा कि 26 अक्टूबर से पाँच दिवसीय श्रीरामकथा व छठें दिन भजन सँन्ध्या मेँ लखवीर सिँह लक्खा भजनों से हनुमानजी को रिझाएंगे। उन्होंने कहा कि विजेथुआ महोत्सव सबका है तथा सबके लिए है, इस आयोजन में न कोई विशेष है न ही कोई मुख्य है। उन्होंने कहा कि सब हनुमानजी के भक्त है और भक्ति भावना से सब इस कार्यक्रम में शामिल हो यही उनकी इच्छा है।
श्रीरामकथा, दीपोत्सव व भजन संध्या का आयोजन
विजेथुआ महोत्सव में पाँच दिवसीय श्रीरामकथा का आयोजन 26 अक्टूबर से होगा जिसमें तुलसीपीठाधीश्वर जगतगुरु श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज भक्तों का कथा का रसपान कराएंगे। 31 अक्टूबर को हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर सर्वेश मिश्र के सँयोजकत्व मेँ दीपोत्सव तथा भजन संध्या में भजन गायक लखवीर सिँह लक्खा भजन प्रस्तुत करेंगेँ। सत्यपथ फाउंडेशन के सँरक्षक विवेक तिवारी ने बताया कि महोत्सव में प्रत्येक दिन स्थानीय कलाकार भजन प्रस्तुत करेंगेँ।