सतना- आज पितृ पक्ष का अंतिम दिन यानी सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या है। आज के दिन किए गए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण से परिवार के सभी पितरों को तृप्ति मिलती है। मान्यता है कि श्राद्ध पक्ष में परिवार के सभी पूर्वजों की आत्माएं अपने वंशज के घर पहुंचती है और पितृ पक्ष में किये गए श्राद्ध कर्म से तृप्त होकर अपने धाम पितृ लोक लौट जाती हैं एवं पितृ देव प्रसन्न होकर अपने वंशजो को आशीर्वाद देते हैं।
श्राद्ध न करने से पितृ होते हैं दुखी
जो लोग अपने पितरों का श्राद्ध नहीं करते हैं उनके पितर अतृप्त और दुखी रहते है एवं अपने वंशजो को श्राप दे देते हैं जिसका असर कुंडली में पितृ दोष के रूप में पडता है एवं किसी काम में आसानी से सफलता नहीं मिलती है। ऐसी परेशानी से बचने के लिए सभी को पितरों का पिंडदान, तर्पण एवं श्राद्ध करना चाहिए।
गया से लौट रहे लोग
पिछले कई दिनों से जिले भर से भारी संख्या में अपने पितरों को विदा करने के लिए लोग गया जी गये हुए थे जिनकी वापसी धीरे धीरे होने लगी है। कुछ लोगों नें पन्द्रह दिन तक गया में रहकर अपनें पितरों की आत्माओं की शांति के लिए पिंडदान किया तो कई लोग तिथि के अनुसार गया में पिंडदान कर घर पहुंचे एवं पूर्वजों की तृप्ति के लिए अन्य कर्मकांड किए।