सतना- आवक बढते ही घट जाती है मंडी में उपज की कीमत, कीमतों में सौ से दो सौ रूपये तक का अंतर विस्तार- शहर कि कृषि उपज मंडी के व्यापारियों द्वारा संगठन बनाकर किसानों का शोषण करने का मामला सामने आया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कृषि उपज मंडी में व्यापारियों नें एक संगठन बनाया है जो आपस में मिलकर किसानों से उनकी उपज खरीदने का काम करता है किन्तु व्यापारियों द्वारा बनाये गये इस सेंडीकेट से किसानों को रोजाना हजारों रूपये कम कीमत उपज बेचने पर मिलती है जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड रहा है साथ ही यह चर्चा भी हो रही की व्यापारियों का मंडी कर्मचारियों से सांठ गांठ होने के वजह से किसानों के उपज की निलामी कम भाव पर की जाती है। एक्शन विचार डाट काम न्यूज द्वारा व्यापारियों के बनाए गये सिंडीकेट से किसानों को हो रही समस्या बाबत कुछ किसानों से रायशुमारी हुई।
दूसरे जिलों से कम रहती है कीमत- सुरेन्द्र
जिले के कोटर गांव निवासी किसान सुरेन्द्र सिंह के अनुसार व्यापारियों के बनाए गये इस संगठन के वजह से किसानों को उनकी उपज का सही मोल नहीं मिल पा रहा है। सतना मंडी में जो कीमत व्यापारियों द्वारा लगाई जा रही है वह दुसरे जिलों की मंडी से सौ से दो सौ रूपये कम रहती है किन्तु मंडी प्रशालन द्वारा किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जाती है।
किसान कम आते हैं तो कीमत बढ जाती है – रामरूद्र
जिले के नागौद निवासी किसान रामरूद्र पांडे ने बताया व्यापारियों द्वारा सिंडीकेट बनाये जाने के बाद कीमतो में कमी के वजह से कम किसान सतना मंडी उपज बेचने जा रहे हैं और किसानों की संख्या कम होने के कारण व्यापारियों द्वारा कीमत बढा कर दि जाती है किन्तु जैसे ही किसानों की संख्या बढने लगेगी कीमत कम करके दि जाने लगेगी जिससे हम लोगों को नुकसान उठाना पडता है।