सतना – मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश की सिमा पर बसे धार्मिक नगरी चित्रकूट की पहचान श्री राम से जुडी है किन्तु रामघाट पर मंदाकिनी नदी के किनारे प्राचीन मत्यगजेन्द्र नाथ शिव मंदिर भी विश्वप्रसिद्ध मंदिर है। मान्यता है की भगवान ब्रम्हा ने चित्रकूट में मंदाकिनी नदी के किनारे यज्ञ किया था यज्ञ के प्रभाव से निकले शिवलिंग को स्वामी मत्यगजेन्द्र नाथ के नाम से जाना जाता है। वैसे तो अमावस्या हन महिने पडती है किन्तु सोमवार को पडने वाली अमावस्या को सोमवती अमावस्या कहा जाता है एवं सोमवती अमावस्या को पवित्र नदियों में स्नान करना विशेष फलदायी माना जाता है। सोमवार को लाखों श्रद्धालु चित्रकूट पहुंच कर रामघाट में स्नान करने के बाद जलाभिषेक करके मत्यगजेन्द्र नाथ स्वामी शिवलिंग की पुजा किए। प्रशासनिक अधिकारीयों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार 10 लाख से जादा श्रद्धालुओं नें शिवलिंग की पुजा करते हुए कामदगिरि पर्वत की परिक्रमा की। सोमवती अमावस्या पर पहुंचने वाले भक्तों की संख्या का अंदाजा प्रशासन को पहले से पता होते हुए मेला परिसर को कई जोन में बांटते हुए मध्य मध्यप्रदेश एवं उत्तरप्रदेश के 1000 से ज्यादा जवान तैनात किए गये थे जिससे व्यवस्था सुचारू रूप से बनी रह सके।
सोमवती अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं नें मंदाकिनी में किया स्नान
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