सतना – हिंदू त्योहारों में से एक हरतालिका तीज भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को महिलाओं द्वारा पति की लंबी आयु एवं खुशहाल जीवन के लिए उपवास रख कर मनाया जाता है। हरतालिका तीज का व्रत भगवान शिव एवं माता पार्वती को समर्पित है इस दिन भगवान शिव नें माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकारा था इसलिए यह व्रत सुहागिनों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। 6 सितंबर 2024 को पडने वाले हरतालिका तीज के उपवास एवं पुजा की तैयारी महिलाओं द्वारा शुरू हो चुकी हैं इस दिन महिलाएं खास श्रृंगार करके भगवान शिव एवं माता पार्वती की पुजा करती हैं जो हिंदू परंपरा का हिस्सा है।
हरतालिका तीज पर्व के लिए शहर के बाजारों में ब्यूटीपार्लर, सोने चांदी की दुकानें, कास्मेटिक आइटमस की दुकानों पर महिलाओं कि भीड दिखना शुरू हो गई है। एक्शन विचार डाट काम टीम द्वारा हरतालिका तीज पर्व की पुजा, उपवास एवं महिलाओं के खास श्रंगार के विषय पर कुछ महिलाओं से चर्चा हुई। आइए जानते हैं हरतालिका तीज व्रत का महत्व एवं श्रंगार।
पति की लंबी आयु के लिए व्रत करते हैं – अदिति
शहर के बाणसागर कॉलोनी में रहने वाली अदिति सेन कहती हैं हरतालिका तीज का उपवास महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था कहा जाता है हरतालिका तीज पर उपवास रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पुजा करने से पति की आयु लंबी होती है और उनके काम में वृद्धि होती है।
पुजा के साथ श्रंगार का भी बहुत महत्व होता है – सुष्मा
शहर के उतैली मोहल्ले में रहने वाली सुष्मा पटेल कहती हैं माता पार्वती हमेशा श्रंगार करके भगवान शंकर की पुजा करती थी इसलिए हरतालिका तीज की पुजा के समय हम महिलाएं साडी या लंहगा पहन कर मांग में सिंदुर, माथे पर बिंदी, हल्का मेकअप, गले में मंगलसुत्र, हाथों में चुडीयां, अंगूठी, मेहंदी एवं पांवों में पायल, बिछिया का पुरा श्रंगार करके पुजा करती हैं।