सतना- केन्द्रीय वस्तु एवं सेवा कर अधिनियम 2017 के शेड्यूल-3 के सेक्शन-7 की कडीका-4 में स्पष्ट किया गया है कि शव का परिवहन, अंतिम संस्कार, दफन, श्मशान या शवगृह की सेवाएं माल एवं आपूर्ति की सेवाओं की श्रेणी में नहीं है इसलिए इन पर जीएसटी नहीं लगाई जा सकती है। सीजएसटी एक्ट में ऐसा प्रावधान नहीं होने की स्थिति में अंतिम संस्कार पर जीएसटी लगाना गैरकानूनी है बावजूद इसके महापौर योगेश ताम्रकार कि अध्यक्षता वाली मेयर इन कांऊसिल की मिंटिंग में नजीराबाद एवं नारायण तालाब स्थित मुक्ति धाम में इलेक्ट्रिक एवं गैस आधारित विद्युत शवदाह गृह में 18 प्रतिशत जीएसटी लगाकर प्रति शव 2478 रूपये की शुल्क वसूली का प्रवाधान किया गया था। नगर निगम की सामान्य सम्मेलन में प्रावधान का विचार पेश करते ही विपक्ष पार्षदों नें हंगामा खडा करते हुए शुल्क कम करने की मांग रखी। विपक्ष द्वारा हंगामा खडे करने पर शुल्क कम करते हुए 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ प्रति शव के अंतिम संस्कार पर 590 रूपये के शुल्क कि स्वकृति दी थी। सवाल यह भी है कि अगर अंतिम संस्कार में जीएसटी वसूल भी ली गई तो यह राशी किस हेड में जमा होगी? केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण नें भी अगस्त 2022 में लोकसभा में यह स्पष्ट किया था कि सीजीएसटी एक्ट में अंतिम संस्कार, दफन, श्मशान या मुर्दाघर कि किसी भी सेवाओं पर जीएसटी का प्रावधान नहीं है। नगर निगम प्रशासन अपनी मन मर्जी एवं अधूरी जानकारी के मुताबिक़ अंतिम संस्कार जैसे कर्म कांड में भी लोगों के साथ खडा होता नजर नहीं आ रहा है।
अधूरी जानकारी के साथ अंतिम संस्कार पर जीएसटी लगाने के नियम पारित करने का विचार लाकर खुद के हाथों फंसा नगर निगम प्रशासन
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