डॉ सारिका अग्रवाल ने विशेष वार्ता के दौरान कहा की आजकल सर्वाइकल कैंसर से भारत में हर सात मिनट में एक महिला की मृत्यु हो रही है। यह बहुत दुखद स्थित है। इस और विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि महिलायें जागरूक हो जाएँ तो इस कैंसर से होने वाली मौतों को रोका जा सकता है। नहीं तो यह भयावह स्थित ले लेगा। वैसे सरकार ने इस और सार्थक कदम उठायें हैं। निश्चित ही कामयाबी मिलेगी। लेकिन हमलोगो को भी सरकार के साथ साथ जागरूक होना है और लोगों को भी जागरूक करना है। कुछ खाश बातों का ध्यान रखा जाए तो इस कैंसर की बढती गति को आसानी से रोका जा सकता है। डॉ सारिका अग्रवाल साउथ सिटी स्थित अपनी विमेंस क्लिनिक में इस बीमारी संबंधित विशेष वार्ता कर रही थीं।
- बताते चलें की सर्वाइकल कैंसर या ग्रीवा का कैंसर स्तन कैंसर के अलावा महिलाओं में सबसे अधिक होने वाला कैंसर है। यह यूटरस के निचले हिस्से में ग्रीवा कोशिकाओं में पनपता है । सर्वाइकल कैंसर सर्विक्स की लाइनिंग को प्रभावित करता है । इस कैंसर के पीछे का बड़ा कारण होता है पेपीलोमा वायरस, जिसे एचपीवी के नाम से भी जाना जाता है ।
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण होते ही ध्यान दे
लखनऊ – डॉ सारिका अग्रवाल ने बताया की इस बीमारी का समय रहते पता चल जाये तो इसे आसानी से ठीक किया जा सकता है। इसके लक्षण में खाश तौर पर यदि महिलाओं को सेक्सुअल रिलेशन के बाद ब्लीडिंग होती है तो सजग हो जाना चाहिए। तुरंत जाँच करवानी चाहिए। यह सबसे महत्वपूर्ण लक्षण है। इसके आलावा यदि वैजाइना में लगातर वाटर बना रहे या बदबू आये तो भी जांच करवानी चाहिए। समय से जांच करवा कर यदि जानकारी मिल जाए तो यह बीमारी ठीक हो जाती है। देरी हो जाने पर यह बीमारी बहुत खतरनाक रूप ले लेती है। और महिलाओं की मौत भी हो जाती है।
हर तीन साल पर इसकी जांच करवाना चाहिए
लखनऊ – डॉ सारिका अग्रवाल ने जानकारी दी की हर तीन साल पर इस बीमारी की जांच प्रत्येक महिला को करवाते रहना चाहिए। इसकी जाँच प्रक्रिया बहुत सरल है। महिलाओं को किसी भी प्रकार का साइड इफेक्ट जाँच के कारण नहीं होगा। और यह टेस्ट बहुत महंगा भी नहीं होता है। ब्रेस्ट कैंसर के बाद यह सबसे खतरनाक कैंसर है। प्रत्येक महिला को हर तीन साल पर इसकी जांच जरूर करवानी चाहिए। इस जाँच से यह अंदाजा भी लग जाता है की अगले तीन वर्ष तक इस कैंसर के वाइरस का असर नहीं होगा। क्यूंकि आसान भाषा में यह कह सकते हैं की इस कैंसर के वाइरस को तीन वर्ष डेवलप होने में लगता है।
वैक्सीन लगवा कर इस बीमारी से निजात सम्भव
लखनऊ – डॉ सारिका अग्रवाल ने कहा की समय पर यदि लड़कियों को टीका लगवा दिया जाये तो इस बीमारी को होने की सम्भावना समाप्त हो जाएगी। यह टीका लड़कियों को 9 वर्ष से 14 वर्ष के बीच लग्न चाहिए। इस दौरान दो बार वैक्सीनेशन होता है। एक बार फिर 6 महीने बाद दूसरा वैक्सीनेशन होता है। मार्किट में एक बार के वैक्सीनेशन ( भारतीय कम्पनी )का 2000 रूपये लिया जाता है। इस वैक्सीनेशन के बाद यह कैंसर होने की सम्भावना समाप्त हो जाती है। यह वैक्सीनेशन बड़ी उम्र की महिलाओं को भी लग सकता है। उन्हें 3 वैक्सीनेशन लेना होगा। अधिक उम्र की महिलाओं में वैक्सीनेशन के बाद इस बीमारी की सम्भावना बहुत कम हो जाती है।