घर घर जाते कचडा वाहन गीला और सूखा कचडा अलग अलग नहीं भरते

Action Vichar Mission

सतना शहर में स्वच्छता अभियान के तहत हर वार्ड में एक एक कचडा गाडी की व्यवस्था की गई है और सभी कचडा गाडी रोज कचडा उठाने पहुंच भी रही हैं भले उनका कोई समय निर्धारित न हो वो सुबह आ जाए दोपहर आ जाए शाम को आ जाए या रात को आ जाए पर आती जरूर है । हर वार्ड के लोगों में जागरूकता भी है कचडा देने की जब भी कचडा वाला आया घर से कचडा निकाल की आवाज लोगों के कानों में पहुंचती है लोग कचडा देने बाहर निकल आते हैं पर गीला कचडा और सुखा कचडा अलग अलग डालने की कोई व्यवस्था गाडियों में नहीं रहती है । नियम के अनुसार कचडा गाडी में पिछे ढक्कन लगे होने जरूरी है जिससे लोगों को ये जानकारी रहे की गीला और सुखा कचडा कहां डालना है पर कचडा गाडी के सभी ढक्कन टुटे होने के वजह से लोग गीला कचडा और सुखा कचडा एक साथ डाल देते हैं । जिस गाडी के ढक्कन सही भी होते हैं उनमें गाडी के कर्मचारियों द्वारा ही कचडा ऐसा ठूंस कर भरा जाता है की ढक्कनों का टूटना तय है और गाडी कर्मचारी खुद गीला और सुखा कचडा एक साथ गाडी में डालते हैं,आए दिन लोगों को खबरें मिलती हैं अखबारों से की कचडा अलग अलग करके न डालने एवं कचडा खुले में फेकेनें पर नगर निगम द्वारा जुर्माना लगाया जाएगा । एक्शन विचार डाट काम की टीम द्वारा इस बाबत कुछ लोगों से बात हुई ।

 

गाडी आती है पर समय फिक्स नहीं – अनिल

  सतना निवासी अनिल गौतम ने कहा कचडा गाडी आती तो रोज हैं पर उनका कोई समय निर्धारित नहीं होता है की वो कब आएगी, कचडा गाडी की हालत भी कोई खास अच्छी नहीं रहती है गीला कचडा और सुखा कचडा कहां डालें । जब तक कचडा गाडी घर के बाहर कचडा लेने के लिए खडी रहती है उसमें से इतनी गंदी बदबू आती है की हम लोगों को नाक ढक कर कचडा देना पडता है ।

पोते पुछते हैं गिला और सुखा कचडा अलग अलग किस साईड डालें – रामसुमन

   सतना निवासी रामसुमन त्रिपाठी कहते हैं की कचडा गाडी आने पर कचडा डालने की जागरूकता हमारे साथ साथ घर के बच्चों में भी रहती है पर कचडा गाडी की हालत खराब होने के वजह से कचडा अलग कहां डालना है गाडी में ये समझ नहीं आता है तो नाती पोते पुछने लग जाते है की गीला और सुखा कचडा कहां डाले । कचडा गाडियों की हालत बहुत जादा खराब है प्रशासन को इस तरफ धयान देना चाहिए ।
कहीं भी डस्टबिन नहीं तो कचडा डाले कहां – लक्ष्मी

सतना निवासी लक्ष्मी सोंधिया कहती हैं शहर में कहीं भी कचडा डालने के लिए डस्टबिन नहीं है हम लोग कचडा अगर खुले में न डालें तो कहां डाले कचडा गाडी वालों का भी कोई समय फिक्स नहीं है कब आएगी अब दिन भर कचडा सामने रखकर कचडा गाडी का इंतजार तो नहीं कर सकते हैं । कचडा गाडी भी पिछे से खुली रहती हैं एक साथ सुखा और गीला कचडा हम लोग को एक साथ कचडा गाडी में डालना पडता है । अखबार में पढते हैं की कचडा खुले में डालने पर जुर्माना होगा जुर्माना तो महापौर और नगर निगम वालों पर किया जाना चाहिए पुरी व्यवस्था चौपट है स्वच्छता की ।

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