शहर के वार्ड संख्या 41 में रोजाना कूड़े का उठान न होने के कारण इन दिनों जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे हुए हैं। मोहल्ले में लगे इन कूड़ों के ढेर से वहां के लोगों को भारी परेशानियों का सामान करना पड़ रहा है। कूडे़ के कारण मोहल्ले में मच्छरों की भरमार हो रही है। जिसके कारण मोहल्ले में बीमारी फैलने का भय बना हुआ है। मोहल्ले के लोगों का कहना है कि एक तरफ तो सरकार बड़ी-बड़ी बातें करके स्वच्छता अभियान को बढ़ावा दे रही है। वहीं दूसरी ओर शहर के मोहल्लों में नियमित कूड़ा न उठने के कारण जगह-जगह कूडे़ के ढेर लगे हैं। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि जब वे कूड़ा उठाने के लिए नगर परिषद में फोन करते हैं तो उस पर उन्हें कोई संतोष जनक उत्तर नहीं मिलता। मोहल्ले के लोगों ने बताया कि मोहल्ले में जब तक कूड़े का ढेर दूर तक नहीं फैल जाता तब तक कोई उसे उठाने नहीं आता। लोगों ने बताया कि मोहल्ले की सड़कों पर इतना कूड़ा जमा हो जाता है कि उसकी बदबू से सारा माहौल खराब हो जाता तथा बीमारी फैलने का भय बना रहता है।
कचडा भर जाने के कारण लोग इधर उधर कचडा डालने पर मजबूर – पन्नी लाल
पन्नी लाल चौक निवासी मुकेश पांडेय ने कहा की हम लोग का घर तीसरी मंजील पर है बदबू की ज्यादा समस्या तो नहीं होती है। पहले डस्टबिन रखी हुई थी उसमें कचडा भर जाने के कारण लोग इधर उधर कचडा डालने पर मजबूर हो जाते थे। फिर डस्टबिन भी हटा दिया गया तो लोगों को न चाहते हुए भी कचडा कहीं न कहीं डालना ही पडता है। कचडा गाडी आने का भी समय तय नहीं है और ये जिम्मेदारी तो नगर निगम की है वो कचडा टाइम पर उठवाए । सामने रोड का कचडा उठा कर खाली जगह देखकर वहां नगर निगम कर्मी डाल देते हैं जल्दी उठाने भी नहीं आते ।
झाडू कर्मी भी समेटा हुआ कचडा यहीं डाल देते हैं – नारायण दुबे
नारायण दुबे ने कहा की मोहल्ले में कहीं भी डस्टबिन नहींं है। यह मोहल्ला व्यापारियों का मोहल्ला है। छोटे बडे बहुत सारी व्यापारी यहां व्यापार करते हैं। व्यापार है तो कचडा होना भी स्वाभाविक है। इसलिए कचडा घर के बगल के साइड एरिया में डालना पडता है । नगर निगम के झाडू कर्मी भी समेटा हुआ कचडा यहीं डाल देते हैं। उसको उठाने जो कचडा गाडी आती है उसका कोई टाइम फिक्स नहीं होने की वजह से कचडा बहुत देर तक पडा रहता है। जानवर कचडे फेकने वाली पन्नी और कचडे को खाते हैं । कचडा उठा कर ले जाने के बाद फिर धीरे धीरे करके कचडा वहां बढता जाता है। बदबू आना शुरू हो जाती है रोज का ही यही हाल है । मोहल्ले में डस्टबिन की व्यवस्था होना बहुत जरूरी है ।
जिस खाली जमीन पर कचडा डाला जाता है वो जमीन सरकारी है – राकेश
मोहल्ला निवासी राकेश ने कहा की जिस खाली जमीन पर कचडा डाला जाता है वो जमीन सरकारी है। यहां सबसे जादा कचडा निगम कर्मी लाकर डाल देते हैं। ये वो कचडा होता है जो आगे की लाइन से सफाई कर्मियों द्वारा समेटा हुआ होता है । डस्टबिन कहीं न होने और कचडा गाडी वालों के रोज न आने के वजह से मोहल्ले के लोग भी कचडा वहीं डालते हैं । सामने जो गली पन्नी लाल चौक के तरफ जाती है उस गली में भी साफ सफाई नहीं होती है। यहां पेशाब करने की जगह भी बना दिया गया है। नाली की सफाई नहीं होती है। कचडा पडा रहता है। इतनी तेज गंदी बदबू आती है की हम लोग अपने घरों के बाहर शाम को बैठने का सोच कर भी नहीं बैठ पाते हैं। नाली का पानी रोड पर भरा रहता है बदबूदार जिंदगी जीने को हम लोग मजबूर हैं पार्षद एवं नगर निगम प्रशासन को इस समस्या पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है ।
मंदिर जाने के लिए हम महिलाओं को घूम कर जाना पडता है – रूपा मिश्रा
समाज सेवी रूपा मिश्रा ने कहा की इस तरह कचडे पडे रह जाना चिंता का विषय है। कचडा दिनों दिनों तक पडा रह जाना लोगों के स्वास्थ्य के लिए कितना खतरनाक हो रहा इसकी चिंता नगर निगम के अधिकारियों को नहीं है। क्यूंकि उन्हे तो बंद गाडी में चलना रहता है । मंदिर जाने के लिए हम महिलाओं को घूम कर जाना पडता है। क्योंकी पास वाले रास्ते में इतनी गंदगी रहती है की नहा कर पवित्र मन से मंदिर पहुंचने के पहले ही कचडा और गंदगी के दर्शन होने से मन अपवित्र हो जाता है , नगर निगम प्रशासन को सफाई पर विशेष धयान देने की जरूरत है ।