सतना में कूड़ा वाहनों की मनमानी कूड़ा ढुलाई लोगों की भारी समस्या का सबब

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    कूड़ा वाहनों की मनमानी कूड़ा ढुलाई लोगों की भारी समस्या का सबब बन गया है। ओवरलोड कूड़ा वाहन सपाटे भरते हुए सड़कों पर कूड़ा उड़ाते आसानी से दिख जाते है। और यह ढुलाई ऐसे समय पर होती है पूरा नगर सड़को सडको पर ऑफिस जाने की जल्दी में या फिर स्कूल कालेज जाते बच्चो का समय होता है। खुले एवं कंडम हो चुके कचडा वाहनों द्वारा कचडा डंपिंग प्वाइंट तक ले जाने के कारण कचडा उडकर रोड पर बिखरता है। अगल बगल से गुजरने वाले लोगों के उपर कचडा उडकर पडता है। घंटो मोहल्ले में बेवजह खडे कचडा वाहनों से गंदी बदबू आती है इससे लोगों को नाक पर रूमाल रखकर निकलना पडता है । प्रधानमंत्री मोदी द्वारा हर शहर को स्वच्छ रखने के सपने की धज्जियां नगर निगम एवं कचडा वाहनों द्वारा उडाई जा रही हैं । शहर के हर वार्ड में खाली पडी जगह को नगर निगम द्वारा कचडा डालने का डंपिंग प्वाइंट बनाया जा चुका है। जहां हफ्तों कचडा पडे रहने के वजह से लोगों के स्वास्थ्य के साथ नगर निगम द्वारा खिलवाड किया जा रहा है । यहा दशा सतना स्मार्ट सिटी की है जिसको निगम अधिकारीयों द्वारा अन स्मार्ट सतना बनाए जाने का प्रयास किया जा रहा है ।

कचडा वाहनों द्वारा कब उठाया जाए इसकी कोई समय अवधी फिक्स नहीं – सुधीर शुक्ल

    सतना निवासी सुधीर शुक्ल ने कहा की शहर के हर वार्ड में खाली पडी जगह पर झाडू लगाने वाले निगम कर्मचारियों द्वारा समेटा हुआ कचडा डाल दिया जाता है। वो कचडा नगर निगम के कचडा वाहनों द्वारा कब उठाया जाए इसकी कोई समय अवधी फिक्स नहीं है। उनका मन हो तो उसी दिन कचडा उठा लिया जाता है अगर मन नहीं है तो हफ्तों कचडा पडे रहने के वजह से भारी गंदी बदबू का सामना हम लोगों को करना पडता है। कचडा उठाने वाले वाहन भी खुले रहते हैं जिस वजह से कचडा रोड पर ही गिरता है ऐसे कचडा वाहनों में कचडा उठाये जाने पर प्रतिबंध लगना चाहिए ।

शहर में कचड़ा ढुलाई की स्थिति सही नहीं है – संतोष सिंह

     एकलव्य नगर निवासी संतोष सिंह ने कहा की शहर में कचड़ा ढुलाई की स्थिति सही नहीं है। वाहन खुले होने के कारण कचड़ा उड़कर रोड पर ही गिरता है। इस तरह कचड़ा ढोने का क्या मतलब है ? इससे अच्छा तो कचड़ा उठाया ही न जाए। दूसरे वार्ड की कचड़ा गाड़ी मोहल्ले में आकर खड़ी हो जाती हैं । गाडियां कचड़े से भरी होती हैं उस वजह से बदबू मोहल्ले में फैलती है। हम लोगो का जीना दूभर हो चुका है। तैयार होकर निकलने में डर लगता है की कब कूड़ा वाहन से कूड़ा उड़कर मुँह पर आ जाये कब कपडे गंदे हो जाये।

कचडा गाडी वाले कचडा बिना ढके ले जाते – देबू पंजवानी

       देबू पंजवानी सेल्समैन ने कहा की कचडा गाडी वाले कचडा बिना ढके ले जाते हैं पुरा कचडा उडकर अगल बगल से गुजरने वाले लोंगो पर पडता है, कुछ दिन पहले मैं दुकानदारों को सामान पहुचांने निकला था आगे आगे कचडा गाडी जा रही थी उसका कचडा मेरे उपर उड कर आने के वजह से अपनी बाइक मैं संभाल नहीं पाया और एक पैदल जाती महिला से टकरा गया गनीमत ये थी की महिला और मुझे चोटें नहीं आई अगर कोई हादसा हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होता । इस तरह कचडा खुले में ले जाने का तरीका बंद होना चाहिए ।

चाऱ दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात – पुष्पेन्द्र चक्रवर्ती

     सतना निवासी पुष्पेन्द्र चक्रवर्ती ने कहा की चाऱ दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ये कहावत नगर निगम की स्वच्छता एवं कचडा ढुलाई के तरीके को देखते हुए सच होती नजर आती है । शुरूआती दौर में कचडा अलग अलग करके डालने एवं कचडे के डस्टबिन को लेकर जिस तरह नगर निगम जागरूक था देख कर लगता था शहर अब स्वच्छता की ओर बढेगा किन्तु अब पिछले कुछ सालों में नगर निगम द्वारा ही शहर को गंदा करने का अभियान तेजी पकडता दिख रहा है । स्वच्छता न होने एवं डस्टबिन न होने के वजह से कई घरों एवं दुकान वालों पर जुर्माना नगर निगम द्वारा लगाया जाता था अब निगम की कचडा ढुलाई में उपयोग हो रहे कंडम वाहनों पर क्यों नहीं जुर्माना किया जा रहा ।

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