हर वर्ष शराब सेवन और नशीली दवाओं के इस्तेमाल करे कारण क़रीब 30 लाख से अधिक मौतें

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विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट दर्शाती है कि हर वर्ष शराब सेवन और नशीली दवाओं के इस्तेमाल करे कारण क़रीब 30 लाख से अधिक मौतें होती है। इनमें से 26 लाख मौतें शराब के सेवन के कारण होती हैं। जो कुल मौतों का लगभग पाँच प्रतिशत है। यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के अनुसार, इनमें सबसे ज़्यादा संख्या WHO के योरोपीय क्षेत्र और अफ़्रीकी क्षेत्र में है। इनमें से अधिकाँश मौतें पुरुषों में हुई और 20-39 आयु वर्ग सबसे अधिक प्रभावित है। निम्न आय वाले देशों में मृत्यु दर सबसे अधिक है जबकि उच्च आय वाले देशों में यह सबसे कम है।

यूएन स्वास्थ्य एजेंसी के महानिदेशक डॉक्टर टैड्रॉस एडहेनॉम घेब्रेयेसस ने कहा कि मादक पदार्थों व तम्बाकू समेत अन्य नशीले पदार्थों का सेवन स्वास्थ्य को गम्भीर रूप से नुक़सान पहुँचाता है। लम्बे समय तक प्रभावित करने वाली बीमारियों, मानसिक स्वास्थ्य स्थितियों का जोखिम बढ़ता है। यह त्रासदीपूर्ण है कि हर साल बड़ी संख्या में मौतें होती हैं। जिन्हें रोका जा सकता है। उन्होंने कहा इससे परिवारों और समुदायों पर भारी बोझ पड़ता है। दुर्घटनाओं, चोटों और हिंसा का शिकार होने का जोखिम बढ़ जाता है। रिपोर्ट बताती है कि दुनिया भर में लगभग 40 करोड़ लोग शराब और नशीली दवाओं के सेवन के कारण होने वाले विकारों से पीड़ित हैं। इनमें से आधे से ज़्यादा लोग शराब पर निर्भर हैं। स्वास्थ्य सम्बन्धी चिन्ताओं के मद्देनज़र रिपोर्ट में शराब और नशीली दवाओं की खपत को कम करने और मादक द्रव्यों के सेवन से उपजे विकारों के लिए उपचार मुहैया कराने पर बल दिया गया है। मौजूदा स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के ज़रिये सतत विकास लक्ष्य हासिल करने की दिशा में वैश्विक कार्रवाई में तेज़ी लाने का आग्रह किया गया है।

शराब की खपत

शराब का सेवन करने वाले लोग औसतन एक दिन में अपने लिए दो बार शराब परोसते हैं। जबकि यह मात्रा कई स्वास्थ्य स्थितियों और सम्बन्धित मृत्यु दर का जोखिम बढ़ा सकती है। वहीं 38 प्रतिशत शराब पीने वालों ने पिछले महीने में एक या अधिक मौकों पर चार से पाँच बार शराब परोसी जोकि भारी स्तर पर सेवन माना जाता है। दुनिया भर में प्रति व्यक्ति शराब की खपत का उच्चतम स्तर योरोपीय क्षेत्र में स्थित देशों और अमेरिका क्षेत्र के देशों में पाया गया है।

स्वास्थ्य सेवाओं में खाई

मादक पदार्थ के इस्तेमाल से होने वाले विकारों के लिए उपचार कवरेज अविश्वसनीय रूप से कम है। इस अध्ययन के लिए डेटा प्रदान करने वाले देशों में मादक द्रव्यों के सेवन सम्बन्धी उपचार सेवा पाने वाले लोगों का अनुपात क़रीब एक प्रतिशत से से लेकर 35 प्रतिशत तक है। यह डेटा मुहैया कराने वाले 145 देशों में से अधिकांश के पास मादक पदार्थों के सेवन से जुड़े विकारों के उपचार के लिए सरकारी व्यय पर डेटा या कोई बजट नहीं है। इसके मद्देनज़र यूएन स्वास्थ्य एजेंसी ने सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए देशों की सरकारों और साझेदार संगठनों से अहम रणनैतिक क्षेत्रों में कार्रवाई की पुकार लगाई है।इनमें वैश्विक स्तर पर जागरूकता मुहिम संचालित करना स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों की क्षमता को मज़बूती देना, स्वास्थ्यकर्मियों को प्रशिक्षित करना और संसाधनों की लामबन्दी में तेज़ी लाना अहम है।

 

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