हमारा ध्येय है ‘भारत को विश्वगुरु बनाना’ – सद्गुरु नीलेश सिंगबाळ
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हिन्दू जनजागृति समिति के धर्म प्रचारक सद्गुरु नीलेश सिंगबाळजी ने कहा कि ‘हिन्दू राष्ट्र’ के मुद्दे पर न केवल भारत के स्तर पर, बल्कि वैश्विक स्तर पर चर्चा हो रही है । पिछले दस-बारह वर्षों में देश के माहौल को देखते हुए विभिन्न देश यह भविष्यवाणी कर रहे हैं कि भारत हिन्दू राष्ट्र की ओर बढ रहा है । अमेरिकी मीडियाने रामजन्मभूमी में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा को ‘न्यू डिवाइन इंडिया’ कहा है । ‘नमस्ते करना’, ‘योग करना’, ‘संवाद’ आदी भारत की विशेषत: का अनुसरण विदेश कर रहा है । हमारा ध्येय है ‘भारत को विश्वगुरु बनाना’ । इसलिए ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र सम्मेलन’ वास्तव में ‘वैश्विक हिन्दू राष्ट्र महोत्सव’ बन गया है । सम्मेलन में अमेरिका से नीलेश नीलकंठ ओक, त्रिनिदाद एवं टोबैगो से स्वामी ब्रह्मस्वरूपानंद महाराजी, घाना से श्रीनिवास दास, नेपाल से श्री. शंकर खराल, श्री. त्रिलोक ज्योति श्रेस्ता, श्री. जगन्नाथ कोईराला, श्री. लक्ष्मण पंथी, श्री. संतोष शाह, इंडोनेशिया से श्री. धर्म यशा आएंगे ।
इस अधिवेशन के लिए अमेरिका, घाना, नेपाल, त्रिनिनाद एवं टोबॅगो आदि देशों सहित भारत के 26 राज्यों से 1000 से भी अधिक हिन्दू संगठनों के 2000 से अधिक प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है । इसमें प्रमुख रूप से निरंजनी आखाडा के महामंडलेश्वर नर्मदाशंकरपुरी महराज, भारत सेवाश्रम संघ के पूर्वोत्तर क्षेत्र के मुख्य संयोजक स्वामी साधनानंद महाराज, उत्तर प्रदेश के पावन चिंतन धारा आश्रम के पूज्य प्रा. पवन सिन्हा गुरुजी, इंदौर के महामंडलेश्वर स्वामी प्रणवानंद सरस्वती महाराज, ‘इंटरनेशनल वेदांत सोसाइटी’ के स्वामी निर्गुणानंदगिरी महाराज, छत्तीसगढ के श्रीरामबालकदास महात्यागी महाराज आदि संतों की वंदनीय उपस्थिति भी होगी ।
इस वर्ष अधिवेशन में 24 से 26 जून तक ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ संपन्न हो रहा है । इसमें देशभर में सीधे सडकों पर उतरकर कार्य करनेवाले हिन्दू संगठनों के प्रतिनिधि भाग लेंगे । हिन्दू राष्ट्र-स्थापना हेतु एक वर्ष का ‘समान कृति कार्यक्रम’ तय किया जाएगा । ‘हिन्दू राष्ट्र विचारमंथन महोत्सव’ 27 जून को होगा । इसमें पूरे देश से वैचारिक स्तर पर हिन्दू राष्ट्र के प्रति अलख जगानेवाले हिन्दू विचारक, लेखक, व्याख्याता भाग लेंगे । 28 जून को ‘मंदिर संस्कृति सम्मेलन’ आयोजित किया गया है, जिसमें पूरे देश के मंदिरों के ट्रस्टी व पुजारी एक साथ आएंगे । मंदिर-संस्कृति की रक्षा, संरक्षण एवं संवर्धन पर विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान एवं परिसंवाद आयोजित किए जाएंगे । ‘अधिवक्ता सम्मेलन’ 29 से 30 जून तक आयोजित किया जाएगा । इसमेंं हिन्दू संगठनों तथा कार्यकर्ताओं पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में कानूनी सहायता, विभिन्न आघातों के विरुद्ध न्यायालय में लडनेवाले कार्यकर्ता, वकील भाग लेंगे ।
इसके अतिरिक्त प्रमुख रूप से श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति के लिए, इसके साथ ही काशी की ज्ञानवापी मस्जिद के विरोध में न्यायालयीन लडाई देनेवाले अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन, रक्षा विशेषज्ञ आर.एन.एस. सिंह, सर्वाेच्च न्यायालय के अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय, ‘स्वातंत्र्यवीर सावरकर राष्ट्रीय स्मारक’ के कार्याध्यक्ष श्री. रणजीत सावरकर, तेलंगाना के हिन्दुत्वनिष्ठ विधायक टी. राजा सिंह, ‘भारत माता की जय’ संगठन के श्री. सुभाष वेलिंगकर, भारत के भूतपूर्व सूचना आयुक्त एवं ‘सेव कल्चर सेव भारत’ के संस्थापक श्री. उदय माहूरकर के साथ वरिष्ठ अधिवक्ता, उद्योगपति, विचारक, लेखक, मंदिर न्यासी, इसके साथ ही अनेक समविचारी संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहेंगे ।